टूटी मिली दीवार, शौचालय भी अधूरे
एडीओ ने इस जांच में शिकायतों को गलत बताते हुए सब कुछ सही दर्शाते हुए रिपोर्ट लगा दी। गांव के दो लोगों को फर्जी गवाही भी दिलवा दी।
जागरण संवाददाता, कासगंज : एडीओ द्वारा झूठी शिकायत निस्तारण की पोल आखिर खुल ही गई। जिन आरोपों को पूर्व जांच अधिकारी ने फर्जी गवाहों के आधार पर घर बैठे ही गलत करार दे दिया था, खंड विकास अधिकारी की जांच में सब आरोप सच पाए गए। इसके बाद में ग्राम प्रधान ने भी चाहरदीवारी में खामियों को ढंकने के लिए निर्माण कार्य शुरू करा दिया है।
सिढ़पुरा विकास खंड के गांव कल्याणी के ग्रामीणों ने छह जुलाई को समाधान दिवस में शिकायतें की थी। प्रशासन ने बीडीओ को जांच सौंपी तो उन्होंने एडीओ पंचायत से कहा। एडीओ ने इस जांच में शिकायतों को गलत बताते हुए सब कुछ सही दर्शाते हुए रिपोर्ट लगा दी। गांव के दो लोगों को फर्जी गवाही भी दिलवा दी। शिकायत के फर्जी निस्तारण का खुलासा दैनिक जागरण ने 17 अगस्त के अंक में प्रमुखता से किया। इसके बाद ब्लॉक प्रशासन में खलबली मच गई। खंड विकास अधिकारी खुद जांच के लिए गांव में गए। उन्हें स्कूल की चाहरदीवारी भी मानकों के अनुरूप नहीं मिली। वहीं गांव में जलभराव की निकासी के लिए सोख्ता गड्ढे एवं सॉक पिट भी नहीं मिले। स्कूल में जो जलभराव एडीओ को नहीं दिखाई दिया था, उसे भी उन्हें सही मानते हुए और मिटटी भराव की जरूरत बताई। वहीं गांव में शौचालय अपूर्ण मिले तथा कई पात्र वंचित। बीडीओ के निरीक्षण के बाद अब ग्राम प्रधान द्वारा गांव में काम कराया जा रहा है।
ग्राम प्रधान एवं सचिव से मांगा स्पष्टीकरण : बीडीओ ने ग्राम प्रधान एवं सचिव से गांव में विकास कार्य में अनियमितताएं मिलने के मामले में स्पष्टीकरण तलब किया है। बीडीओ ने पाया है कि इस वित्तीय वर्ष में मनरेगा का कार्य भी नहीं कराया गया है।
एडीओ पंचायत से मांगा जाएगा स्पष्टीकरण: बीडीओ डॉ.अजीत कुमार ने कहा है कि एडीओ पंचायत द्वारा किस वजह से अपनी रिपोर्ट में तथ्यों की अनदेखी की गई। इस संबंध में एडीओ पंचायत से स्पष्टीकरण मांगा गया है। अगर उनका जवाब संतोषजनक नहीं होता है तो कार्रवाई की जाएगी।