Kasganj: 18 माह की श्रीयुक्ता का गजब का टैलेंट, पहचान लेती है 195 देशों के झंडे, मिला कलाम्स वर्ल्ड रिकार्ड्स
Kasganj News डाक्टर दंपती का उद्देश्य अपनी बेटी को प्रतिभाशाली बनाना है। एक्सट्रा आर्डिनरी ग्रासपिंग पावर जीनियस किड में दर्ज। डाक्टर दंपती जन्म से ही बेटी को प्रतिदिन देते हैं प्रशिक्षण। कासगंज में रेलवे में डाक्टर हैं श्रीयुक्ता के पिता मां है डेंटिस्ट।
कासगंज, जागरण टीम, (कृष्णबिहारी शर्मा)। मात्र 18 महीने की उम्र। ठीक से बोल भी न पाने की इस उम्र में कासगंज की श्रीयुक्ता ने कीर्तिमान बना डाला है। कीर्तिमान भी छोटा-मोटा नहीं बल्कि वर्ल्ड रिकार्ड का। श्रीयुक्ता 195 देशों के झंडे को आसानी से पहचान लेती हैं। उसकी इस असामान्य प्रतिभा को कलाम्स बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज किया गया है। उन्हें एक्सट्रा आर्डिनरी ग्रासपिंग पावर जीनियस किड की श्रेणी में रखा गया है। यही नहीं, श्री युक्ता फ्लैश कार्ड के माध्यम से खेलकूद, शारीरिक क्रियाएं, शरीर के अंग, फल, सब्जी, पशु, पक्षी आदि को भी जान लेती है।
रेलवे में हैं मेडिकल आफिसर
डाक्टर दंपती ने अपनी बेटी में यह प्रतिभा उसके जन्म के पहले दिन से ही उभारने के प्रयत्न किए हैं। उत्तराखंड निवासी डा. सौरभ कुमार डंडरियान रेलवे में डिवीजनल मेडिकल आफिसर (डीएमओ) हैं। वह कासगंज में रेलवे कालोनी में रहते हैं। उनकी पत्नी डा. विदुषी बहुगुणा डेंटिस्ट हैं। डा. विदुषी ने गर्भवती होते ही अपने बच्चे को विशिष्ट प्रतिभावान बनाने का संकल्प लिया था। बच्ची को जन्म देने से पहले ही डा. विदुषी ने इंटरनेट से जानकारी जुटा हंगरी ब्रेंस के ग्रासपिंग पावर (समझने की शक्ति) बढ़ाने वाले फ्लैश कार्ड मंगा लिए।
बच्ची के जन्म के बाद उसे कार्ड दिखाकर समझाया
बच्ची के जन्म के बाद उसे यह कार्ड दिखाने और बोलकर समझाने शुरू किए गए। उस समय बच्ची को कोई बोध नहीं था। डाक्टर दंपती के लगातार प्रयास से बच्ची की निगाहें इन कार्डों पर टिकने लगीं। 16 माह की उम्र में बच्ची 24 तरह के खेलकूद, शरीर के अंग, फल, सब्जी, पालतू और जंगली जानवर, पक्षी, परिवहन, फूल आदि का नाम लेते ही उन्हें पहचानने और उनसे संबंधित तस्वीर छपे कार्ड पकड़ने लग गई।
ज्यूरी के पास भेजे बच्ची के वीडियो
वर्ष 2003 की फरवरी में डाक्टर दंपती ने बच्ची को लेकर एक्सट्रा आर्डिनरी ग्रासपिंग पावर जीनियस किड कलाम्स वर्ल्ड रिकार्ड के लिए दावा कर दिया। ज्यूरी के पास उन्होंने बच्ची के संबंधित कार्ड पकड़ते हुए वीडियो भेजे। संतुष्टि के बाद ज्यूरी ने श्रीयुक्ता का नाम कलाम्स वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज कर लिया। इसका प्रमाणपत्र और मेडल विगत चार मार्च को डाक्टर दंपती के पास आ गए हैं।
क्या है कलाम्स वर्ल्ड रिकार्ड्स
कलाम्स वर्ल्ड रिकार्ड्स चैन्नई की संस्था है। इसका मुख्यालय चैन्नई और शाखा महाराष्ट्र में है। गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड की तरह ही यह कलाम्स बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड्स का प्रकाशन करती है। इसके लिए विभिन्न क्षेत्र में लोगों के रिकार्ड संकलित करती है। अपनी बुक में नाम दर्ज करने के साथ ही उन्हें मेडल और प्रमाणपत्र जारी करती है। यह वर्ष 2018 से कार्यशील है।
घर में नहीं रखते टीवी
डाक्टर दंपती चिकित्सा विज्ञान पढ़े हैं, जानते हैं कि टीवी बच्चों के दिमाग को प्रभावित करता है। इसलिए वह घर में टीवी नहीं रखते। मोबाइल भी अपनी बेटी के हाथ में नहीं देते। वह बच्ची के सामने मोबाइल का प्रयोग भी कम ही करते हैं।