बाढ़ को लेकर अलर्ट, गंगा तटों पर दौडे़ अफसर
बिजनौर से हुए डिस्चार्ज को लेकर सतर्कता आज शाम तक पहुंचेगा पानी तटवर्ती गांवों में ग्रामीणों को किया सावधान डीएम ने भी किया निरीक्षण
जागरण संवाददाता, कासगंज : गंगा का जल स्तर मंगलवार को फिर से बढ़कर 163.55 मीटर पर पहुंच गया। इधर बिजनौर बैराज से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ने की जानकारी मिलने पर देर शाम प्रशासनिक महकमे ने भी अलर्ट जारी कर दिया। जिलाधिकारी एवं अन्य अधिकारियों ने गंगा घाट पर पहुंच कर पानी की स्थिति को देखा। बिजनौर से छोड़ा पानी बुधवार शाम तक जिले में आने की संभावना है। शाम पांच बजे बाद बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मियों को भी चौकी न छोड़ने के आदेश दिए हैं।
पहाड़ों पर हो रही बारिश और बैराजों से छोड़े जा रहे पानी से पतित पावनी माता गंगा कभी भी रौद्र रूप ले सकती है। यूं तो गंगा का जल स्तर घट-बढ़ रहा है, लेकिन बिजनौर से छोड़े गए 336030 क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद में प्रशासन की चिताएं भी बढ़ गई हैं। यह पानी बुधवार तक जिले में पहुंचेगा तथा यहां आते-आते अगर पानी की मात्रा कम नहीं हुई तो गंगा अपनी सीमाएं लांघ कर आबादी की तरफ बढ़ सकती है। शाम को यह खबर मिलते ही सिचाई विभाग की टीमें भी गंगा तटों की तरफ दौड़ पड़ी। डीएम सीपी सिंह एवं एडीएम योगेंद्र कुमार ने भी गंगा किनारे जाकर स्थिति को देखा। तटवर्ती गांवों में रहने वाले ग्रामीणों को भी सचेत किया है, ताकि किसी भी विपरीत परिस्थिति में स्थिति नियंत्रण में रहे। बताते चलें कछला घाट पर खतरे का निशान 165 मीटर पर है, ऐसे में अगर बुधवार को पानी बढ़ता है तो खतरे के निशान तक पहुंच सकता है।
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'बिजनौर बैराज से 336030 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज हुआ है। यह पानी नरौरा बैराज से बुधवार शाम छह बजे तक कछला पहुंचेगा। गंगा के जलस्तार में बढ़ोत्तरी हो सकती है ऐसे में ग्रामीणों को अलर्ट किया गया है। विभागीय टीमें गंगा और ग्रामीण क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहीं हैं। किसी परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारियां हैं।'
-अरूण कुमार
अधिशासी अभियंता
सिचाई विभाग
लेखपाल रुकेंगे गांव में, प्रशासन बरत रहा सतर्कता : जिलाधिकारी ने निरीक्षण के साथ ही ग्रामीणों को जागरूक किया। वहीं लेखपालों की ड्यूटी लगाते हुए गांव में ही कैंप करने के आदेश दिए हैं, ताकि गंगा के हर उफान पर प्रशासन की सीधी नजर रहे। सिचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता को डीएम ने निर्देश दिए हैं कि वह टीम के साथ गंगा और तटतर्वी गांवों का निरीक्षण करें और सतर्कता बरती जाए।