यमुना-सेंगुर उफनाई, तीन गांवों के रास्ते जलमग्न
संवाद सूत्र, मूसानगर: यमुना व सेंगुर नदियों के जलस्तर में लगातार हो रहे इजाफे से इनके तटवत
संवाद सूत्र, मूसानगर: यमुना व सेंगुर नदियों के जलस्तर में लगातार हो रहे इजाफे से इनके तटवर्ती चपरघटा सहित आसपास के एक दर्जन गांवों के लोगों में बेचैनी बढ़ने लगी है। मंगलवार को आढ़न पथार व पड़ाव के रास्तों में पानी भरने से इन गांवों का संपर्क अन्य जगह से कट गया। इसके चलते अब यहां के लोगों को आवगमन के लिए नावों का ही सहारा है।
यमुना नदी में क्योंटरा के पास सेंगुर नदी गिरती है। बारिश के चलते यमुना के उफनाने से चपरघटा के पास इसका पानी ओवर फ्लो हो गया। इसकी सहायक नदी सेंगुर के जलस्तर बढ़ जाने से मंगलवार को आड़न पथार व पड़ाव के रास्तों में पांच से दस फुट तक पानी भर गया। इससे इन गांवों का संपर्क कट जाने से ग्रामीणों को आवागमन के लिए अब नावों का ही सहारा है। इधर दोनों नदियों के जलस्तर में इजाफा होने से चपरघटा, आढ़न, पथार, मुसरिया, पड़ाव, कुंभापुर, भुंडा, रसूलपुर, कृपालपुर, हलिया, नयापुरवा, मुसरिया, नगीना आदि गांवों के किसानों की ज्वार बाजरा तिली आदि की फसलें जलमग्न हो गईं। चपरघटा के ग्राम प्रधान जगदीश, हलिया के प्रधान कैलाश के अलावा आढ़न के राजेश, पथार के वीरेंद्र, मुसरिया के सेवकराम, कुंभापुर के मनोज और पड़ाव के दीनदयाल, राजू व सुशील आदि का कहना है कि इन गांवों के अलावा कुछ मजरे हर साल बाढ़ से जूझते हैं।रास्तों में 15 से 20 फीट तक पानी भरने से गांव टापू में बदल जाते हैं। इसके साथ ही फसलों को भारी नुकसान होता है। लेकिन उन लोगों को नुकसान का मुआवजा तक नहीं मिलता। एसडीएम भोगनीपुर राजीव राज का कहना है कि यमुना के जलस्तर में इजाफे पर नजर रखी जा रही है। फिलहाल आढ़न पथार व पड़ाव के लिए दो नावों की व्यवस्था करा दी गई है।