थमने के बाद फिर यमुना ने पकड़ी रफ्तार, गांवों में चलने लगी नाव
यमुना नदी का पानी थमा रहने के बाद फिर बढ़ना शुरू हो गया है। जिसके कारण सेंगुर नदी ने और गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है। गांवों को जाने वाले रास्ते पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। यहां नाव के सहारे ही लोगों का आवागमन हो पा रहा है। महिलाएं और बच्चे गांव में कैद होकर रह गए हैं।
संवाद सूत्र, मूसानगर : यमुना नदी का पानी थमा रहने के बाद फिर बढ़ना शुरू हो गया है। जिसके कारण सेंगुर नदी ने और गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है। गांवों को जाने वाले रास्ते पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। यहां नाव के सहारे ही लोगों का आवागमन हो पा रहा है। महिलाएं और बच्चे गांव में कैद होकर रह गए हैं।
नगीना बांगर गांव की सड़क पर आवागमन ठप हो गया है। आढ़न पथार पड़ाव के मार्ग पहले से ही अवरुद्ध थे। आढ़न पथार मार्ग के अलावा अन्य मार्गों पर नाव वाले पैसा ले कर आवागमन करा रहे हैं। विगत चौबीस घंटे पानी थमा रहने के बाद शनिवार को तड़के पांच बजे से यमुना नदी का पानी बढ़ने लगा। सुबह 106 मीटर के करीब जलस्तर पहुंच गया। इसी कारण सेंगुर नदी का पानी हिलोरे मार कर ऊपर की ओर बढ़ने से चपरघटा से नगीना बम्हरौली घाट को गयी सड़क पर पानी भर गया है। इसकी वजह से आवागमन ठप हो गया है। गुरुवार को तीसरी बार यमुना का जलस्तर बढ़ने से आढ़न पथार पड़ाव मार्गों पर नावों से आना-जाना शुरू हो गया था। शुक्रवार को पानी थमा था, लेकिन शनिवार को सुबह से ही जलस्तर फिर बढ़ने लगा। किसान पूर्व में आयी बाढ़ से फसलों की बर्बादी के गुणा भाग में लगे ही थे कि अब तक आयी तीसरी बार बाढ़ ने किसानों की परेशानी को और बढ़ा दिया है। पड़ाव निवासी मोहित, अनिल, बृजेश ने बताया कि प्रशासन द्वारा आढ़न पथार मार्ग पर हमेशा नाव लगवा दी जाती है, लेकिन पड़ाव मार्ग पर नाव न लगवाने से नाव वाले बीस रूपए प्रति व्यक्ति पार करवाने में ले रहे हैं। यही हाल नगीना मार्ग का भी है। उपजिलाधिकारी भोगनीपुर राजीव राज ने बताया कि लेखपाल को तत्काल भेजकर जानकारी करवाता हूं कि कौन नाव वाले पैसे ले रहे थे।