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वट वृक्ष का पूजन कर मांगा अखंड सौभाग्य

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: मंगलवार को वट सावित्री का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। सुहा

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 May 2018 01:49 AM (IST)Updated: Wed, 16 May 2018 01:49 AM (IST)
वट वृक्ष का पूजन कर मांगा अखंड सौभाग्य
वट वृक्ष का पूजन कर मांगा अखंड सौभाग्य

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: मंगलवार को वट सावित्री का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। सुहागिनों ने वट वृक्ष की पूजा अर्चना कर परिवार में सुख-शांति व अखंड सौभाग्य की कामना की।

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पति की लंबी उम्र व सौभाग्य की रक्षा के लिए वट सावित्री पर्व पर नववधुओं में विशेष उत्साह रहा। अकबरपुर, रूरा, झींझक, शिवली, पुखरायां, रसूलाबाद आदि स्थानों पर सुबह से सुहागिनें पूजन की तैयारियों में जुटी थीं। घरों में पकवान आदि बनाने के बाद सुहागिनों ने वट वृक्ष की पूजा अर्चना कर फल फूल व बरगदे आदि अर्पित किए। बरगद के पेड़ में सूत का धागा बांधा। कुछ स्थानों पर चिलचिलाती धूप में पैदल वट वृक्ष तक पहुंचकर सुहागिनों ने पूजन कर परिवार में शांति, समृद्धि की कामना के साथ सुहाग की रक्षा के लिए वरदान मांगा। ज्येष्ठ माह की अमावस को मनाए जाने वाले वट सावित्री पर्व को पर्यावरण संरक्षण की ²ष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। हनुमानगढ़ी कड़री आश्रम में भी सुहागिन महिलाओं ने वट वृक्ष का पूजन कर पति की लंबी उम्र की कामना की। गढ़ी सरकार के समक्ष मत्था टेक कर आशीर्वाद भी लिया। भक्तों के समक्ष प्रवचन करते हुए संत ने वट वृक्ष को भगवान शिव का प्रतीक होने के साथ ही शीतलता के साथ शुद्ध वायु प्रदान करने वाला वृक्ष बताया। उन्होंने कहा कि यह वृक्ष तमाम रोगों को दूर करता है। वट की पूजा को इसी कारण पर्यावरण संरक्षण का आधार माना गया है।


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