सूने पड़े आंगन कैसी चिता, बिस्तर बिछे हैं सो जाइए
संवाद सहयोगी भोगनीपुर बाल विकास विभाग की अधिकारियों की लापरवाही के कारण मलासा ब्लाक
संवाद सहयोगी, भोगनीपुर : बाल विकास विभाग की अधिकारियों की लापरवाही के कारण मलासा ब्लाक के आंगनबाड़ी केंद्र सूने पड़े हैं। बच्चों के न पहुंचने से कर्मचारी भी पूरे दिन आराम फरमाते हैं। यह तस्वीर हकीकत बयां करने के लिए काफी है।जहां पर बच्चों को शिक्षा देने के लिए सरकार लाखों रुपये खर्च कर रही है वहीं दूसरी तरफ ऐसी स्थिति शिक्षा तंत्र की खामिया बयां कर रही है।
मलासा ब्लाक के सैदलीपुर गांव में प्राथमिक विद्यालय के अतिरिक्त कक्षा में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र में गुरुवार को अजब गजब तस्वीर देखने को मिली। केंद्र में एक भी बच्चा नहीं आया था। सहायिका सीता देवी अकेली केंद्र के अंदर जमीन पर चटाई बिछाकर सो रही थीं। आवाज लगाने पर जगी सहायिका सीता देवी ने बताया कि कर्मचारी संगीता देवी आज केंद्र पर नहीं आई हैं। कुल पंजीकृत 45 बच्चों में सुबह आठ बच्चे आए थे, वह भी कुछ देर रुकने के बाद चले गए। इसी तरह अनंतापुर गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय कक्ष में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र में कोई भी बच्चा मौजूद नहीं था। सहायिका रामश्री ने बताया कि कार्यकर्ता गीता देवी मीटिग में गई हैं। केंद्र पर पंजीकृत बच्चों की संख्या की जानकारी नहीं है। हारामऊ गांव में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र की सहायिका मालती देवी नामांकित कुल 59 बच्चों में मात्र चार बच्चों के साथ मौजूद थी। सहायिका ने बताया कि कार्यकर्ता मिथलेश तबीयत खराब होने के कारण घर चली गई हैं। मलासा के सीडीपीओ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि केंद्रों पर बच्चे नदारत रहने व कर्मचारी व सहायिकाओं का नियमित रूप से न आना गंभीर मामला है। शीघ्र ही केंद्रों की जांच कराकर लापरवाह कार्यकर्ता व सहायिकाओं के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।