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आंवला वृक्ष की पूजा कर मांगा वरदान

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: आंवला नवमी या अक्षय नवमी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी ति

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 06:09 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 06:09 PM (IST)
आंवला वृक्ष की पूजा कर मांगा वरदान
आंवला वृक्ष की पूजा कर मांगा वरदान

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: आंवला नवमी या अक्षय नवमी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। इस बार शनिवार को यह पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। महिलाएं आंवला वृक्ष के नीचे सुबह के समय पहुंची और विधिविधान से पूजा की। वहीं परिवार के साथ प्रसाद भी पाया।

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अक्षय नवमी पर सुबह-सुबह महिलाएं बाग बगीचों में पहुंची। आंवला वृक्ष के नीचे पहले साफ सफाई की गई। उसके बाद वहां पानी छिड़ कर खाना बनाया गया। बहुत सी महिलाएं घरों से ही खाना बना कर ले गईं। इस दौरान बच्चों में भी काफी उत्साह दिखा। सबसे पहले आंवला वृक्ष की रोली-अक्षत और भोग से देवस्वरूप मानकर पूजा करने के बाद इसकी परिक्रमा करते हुए इसके तने पर मोली, कलावा या सूत लपेटकर गांठ लगाई। आंवला नवमी को अक्षय नवमी के रूप में भी जाना जाता है। बताते हैं इस दिन द्वापर युग का प्रारंभ हुआ था। कहा जाता है कि आंवला भगवान विष्णु का पसंदीदा फल है। आंवले के वृक्ष में समस्त देवी-देवताओं का निवास होता है। इसलिए इसकी पूजा करने का विशेष महत्व है। आज के दिन आंवला वृक्ष के नीचे दिन में एक बार भोजन करने का विशेष फल मिलता है।


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