क्रोमियम डंप करने के गुनहगारों की आपत्तियां सुनेगा यूपीपीसीबी
खानचंद्रपुर में क्रोमियम डंप करने वाले छह उद्यमियों
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-खानचंद्रपुर में क्रोमियम डंप करने वाले छह उद्यमियों पर लगाया गया था 280 करोड़ रुपये जुर्माना
-फैक्ट्री संचालकों ने एनजीटी की प्रिसिपल बेंच में की थी अपील, सुनवाई के बाद मिला मौका जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: अकबरपुर के खानचंद्रपुर में क्रोमियम डंप करने को लेकर नवंबर 2019 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने छह फैक्ट्री संचालकों पर 280 करोड़ रुपये अर्थदंड लगाया था। फैक्ट्री संचालकों के अपील करने पर एनजीटी की चार सदस्यीय प्रिंसिपल बेंच ने आपत्तियां दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। वहीं, उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) को चार सप्ताह में आपत्तियां निस्तारित करने को कहा है।
खानचंद्रपुर में 62 हजार मीट्रिक टन क्रोमियम डंप है। क्रोमियम कचरा की वजह से भूजल दूषित हो गया है। यहां लोगों को त्वचा, हड्डी व पेट संबंधी बीमारियां हो रही हैं। एनजीटी ने छह फैक्ट्री संचालकों के साथ ही यूपीपीसीबी पर भी एक करोड़ रुपये अर्थदंड लगाया था। जुर्माना राशि एक माह में जमा कराना था। हालांकि किसी उद्यमी ने एक भी पैसा जमा नहीं किया। इस पर जिला प्रशासन की ओर से आरसी जारी की गई। फैक्ट्री संचालकों की अपील पर एनजीटी की प्रिसिपल बेंच ने 28 जनवरी को सुनवाई की। उद्यमियों ने तर्क दिया कि फैक्ट्रियां बंद हैं। उन्हें सुना बिना जुर्माना लगाया गया है। साथ ही क्रोमियम डंप करने से इन्कार किया। बेंच ने कहा है कि उद्यमी दो सप्ताह के अंदर यूपीसीबी को आपत्तियां प्रस्तुत कर सकते हैं। बोर्ड चार सप्ताह में विचार कर मेरिट के आधार पर निर्णय लेगा।
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फैक्ट्री संचालकों को आपत्तियां प्रस्तुत करने का मौका मिलने की जानकारी मिली है। यूपीपीसीबी कार्यालय लखनऊ में आपत्तियां प्रस्तुत की गई या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है।
-कुमार आनंद, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी कानपुर देहात
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क्रोमियम निस्तारण को मिले 23.44 करोड़ रुपये
क्रोमियम कचरा निस्तारण के लिए शासन से 23.44 करोड़ रुपये मिल गए हैं। यह धनराशि एस्क्रो अकाउंट में जमा कराने की प्रक्रिया चल रही है। कार्यदायी संस्था यूपीसीडा के नामित अधिकारी इस अकाउंट का संचालन करेंगे। एस्क्रो अकाउंट सुरक्षा कवच की तरह काम करता है। काम के अनुसार भुगतान होगा।