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गरीब रथ की चपेट में आकर ट्रैकमैन की मौत

ड्यूटी पर जाने के लिए निकला था गैजुमऊ गांव में हुआ हादसे का शिकार दिल्ली जा रही तेजस को 20 मिनट रोका गया शव हटने के बाद हुई रवाना

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 12:07 AM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 06:05 AM (IST)
गरीब रथ की चपेट में आकर ट्रैकमैन की मौत
गरीब रथ की चपेट में आकर ट्रैकमैन की मौत

संवाद सूत्र, रूरा (कानपुर देहात) :

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दिल्ली जा रही गरीब रथ एक्सप्रेस की चपेट में आकर एक ट्रैकमैन की मौत हो गई। गैजुमऊ गांव में हुई इस घटना में तेज टक्कर से शव 50 मीटर तक टुकड़ों में बिखर गया। इस दौरान पीछे से आई तेजस एक्सप्रेस करीब 20 मिनट तक खड़ी रही। ट्रैक से शव हटाए जाने के बाद ट्रेन रवाना की गई।

रायबरेली के गंगाबक्स, अंबारा पश्चिम निवासी 33 वर्षीय बलवंत सिंह यादव रूरा रेलवे स्टेशन क्षेत्र में ट्रैकमैन थे। सुबह करीब साढ़े सात बजे वह ऑफिस डयूटी के लिए गेट नंबर 92 बैजुपुरवा तक रेल पटरियों से जा रहे थे कि रास्ते में गैजुमऊ गांव में सामने से आ रही तेज रफ्तार गरीब रथ की चपेट में आ गए। घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई। कुछ दूरी पर चल रहे साथी ट्रैकमैन अशलेक ने घटना की जानकारी स्टेशन अधीक्षक मनीष दास को दी। जीआरपी चौकी प्रभारी झींझक उपेंद्र को मामले की जानकारी दी गई। मौके पर आए ट्रैक कर्मियों ने शव को हटवाया। इस दौरान दिल्ली की ओर जाने वाली तेजस एक्सप्रेस करीब 20 मिनट अप ट्रैक पर खड़ी रही। शव हटने के बाद तेजस करीब आठ बजकर 40 मिनट पर रवाना हुई। घटना के बाद मौके पर पीडब्ल्यूआई रामतीरत, अभिषेक लूथर व एसएसई आरके सिंह पहुंचे। इस दौरान मृतक के सहकर्मियों ने नाराजगी जताई। ट्रेड यूनियन के संतोष कुमार यादव व राजेश कुमार ने साथी कर्मियों को शांत कराया। कहा, सभी सरकारी सुविधाएं व मुआवजा दिलाया जाएगा। पापा छाम को आएंगे..

पापा छाम को आएंगे, दिवंगत बलवंत का तीन वर्षीय पुत्र दिव्य प्रकाश खिलौने से खेलते हुए घटना से अनजान है। छोटे बच्चे के अनजान भाव को देख कालोनी में रहने वाली महिलाएं फफक पड़तीं जबकि पत्नी शोभा घटना को सुन चीत्कार मारकर रोते हुए बेसुध हो गईं। वहीं मिलनसार स्वभाव के कारण वह कालोनी का प्रिय व्यक्ति था जिसने भी घटना सुनी वह दौड़ा चला आया।

दिवंगत बलवंत रेलवे कॉलोनी में पत्नी शोभा व बड़े बेटे दिव्य प्रकाश व मासूम आरुष के साथ रहता था। पति डयूटी पर जाएंगे इसलिए रोज की भांति पत्नी ने भोजन का टिफिन तैयार कर घर से करीब सात बजे विदा किया था। करीब साढ़े आठ बजे ट्रेन की चपेट में मौत होने की सूचना पर पत्नी पछाड़ खाकर गिर पड़ीं। उसके करुण क्रंदन से कालोनी से आई अन्य महिलाओं की आंखें नम हो गईं। घर में जहां लोग अप्रत्याशित घटना से दुखी थे। वहीं तीन वर्षीय पुत्र घटना से अनभिज्ञ होकर खिलौने से खेलता हुआ बोला कि पापा छाम को आएंगे। मासूम की यह बात सुन वहां खड़े लोगों की आंखें छलछला आईं। बलवंत अच्छे स्वभाव का होने के कारण कालोनी का प्रिय था। इसके अलावा अपने साथी कर्मियों के हक की बात को अधिकारियों के समक्ष बेबाकी से रखता था। इसलिए वह अपने कर्मियों के बीच अच्छी पकड़ रखने के साथ उनका चहेता भी था। इसीलिए घटना की जानकारी पर मैथा, भाऊपुर व पनकी तक के साथी ट्रैक मैन कर्मी काफी संख्या में आए थे। अधिकारियों के समक्ष सभी प्रकार की सरकारी मदद करने की मांग रखी।


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