सदगुरु की पूर्ण कृपा प्राप्त करना ही गुरु पूर्णिमा
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : जनपद में शुक्रवार को गुरू पूर्णिमा का पर्व पूरे श्रद्धा व भक्ति
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : जनपद में शुक्रवार को गुरू पूर्णिमा का पर्व पूरे श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाया गया। आश्रमों में पहुंचे भक्तों ने गुरू पूजन करने के साथ ही भजन कीर्तन व आरती में भाग लिया। वहीं आश्रमों में आयोजित भंडारों में देर रात तक प्रसाद वितरित करने का सिलसिला जारी रहा।
अकबरपुर तहसील क्षेत्र के गौरियापुर आश्रम के महंत देवनारायण दास वेदांताचार्य ने सबसे पहले ब्रह्मलीन महंत रामलखनदास महाराज की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर आश्रम में पहुंचे श्रद्धालुओं ने महंत देवनारायण दास वेदांताचार्य का पूजन कर उनसे आर्शीवाद ग्रहण किया। आश्रम में श्रीराम नाम संकीर्तन व श्री राम राज्याभिषेक से माहौल भक्तिमय रहा। इसके बाद भक्तों ने भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर आचार्य रामबाबू अवस्थी ने गुरू पूर्णिमा के महत्व को बताते हुए कहा कि पूर्ण रूप से सद्गुरू की कृपा प्राप्त करना ही गुरू पूर्णिमा है। गुरू के प्राप्त होने पर जीवन में सु:ख-समृद्धि आ जाती है। समस्याओं से जूझता हुआ मनुष्य शांति की तलाश में भटक रहा है, लेकिन उसे शान्ति नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि जब पिछले पुण्य से सदगुरू की प्राप्ति हो जाती है तो मनुष्य के संशय की सारी गाठें टूट जाती हैं। उन्होने कहा कि बिना गुरू के ईश्वर की कृपा प्राप्ति असंभव है। कबीरदास की पंक्तियों यह तन विष की बेलरी, गुरू अमृत की खान। शीर्ष दिये जो गुरू मिलै तो भी सस्ता जान। का उल्लेख करते हुए उन्होने गुरू की महिमा बयां की। उन्होने कहा कि 33 कोटि देवताओं को भी गुरूदेव भगवान के अंदर पाया जा सकता है। इस मौके पर आश्रम के सर्वराकार अन्नू बाजपेई, अखिलेश मिश्रा, शिवप्रकाश शुक्ला, मौजी अग्निहोत्री, डिप्टी यादव, मन्नीलाल वर्मा व दुर्गाशंकर मिश्रा सहित कई जिलों से आए भक्तगण मौजूद रहे। दोपहर बाद यहां के प्रमुख संत मद्दूपुरवा नवाबगंज उन्नाव स्थित आश्रम में गुरुदेव भगवान की मूर्ति स्थापना कार्यक्रम में भाग लेने के लिए रवाना हो गए। इधर, शोभन आश्रम, रंजीतपुर आश्रम, योगेश्वर आश्रम बाघपुर, बेहटा स्थिति हनुमान कुटी में भी भक्तों का तांता लगा रहा। पीठाधीश्वर संत विष्णु स्वरूप ब्रह्मचारी का श्रद्धालुओं ने पूजन अर्चन कर आशीष ग्रहण किया।इसके अलावा निगोही स्थित दुर्वाषा आश्रम व देवराहट के रामजानकी मंदिर में भक्तों का ताता लगा रहा। विभिन्न क्षेत्रों से आए लोगों ने आश्रमों में पूजा-अर्चना की।