हादसा रोकने को रखी मिट्टी भरी बोरी, लगाए रिफ्लेक्टर स्टीकर
संवाद सहयोगी रसूलाबाद सहवाजपुर नहर पुल पर मंगलवार रात बड़ा हादसा होते टल गया था। बुल
संवाद सहयोगी, रसूलाबाद : सहवाजपुर नहर पुल पर मंगलवार रात बड़ा हादसा होते टल गया था। बुलंदशहर डिपो की सवारी भरी बस बिना रेलिग के पुल पर लटक गई थी। यदि बस लबालब भरी नहर में गिरती तो जनहानि से इन्कार नहीं किया जा सकता। दोबारा ऐसी स्थिति न हो, इसके लिए पुख्ता इंतजाम करने के बजाय मिट्टी की बोरियां भरकर रखने के साथ दो पाइपों में रिफ्लेक्टर स्टीकर लगाकर हादसे रोकने की कवायद की गई है।
बिल्हौर-सिकंदरा वाया रसूलाबाद मार्ग पर मंगलवार की रात लगभग 10 बजे बुलंदशहर डिपो की दिल्ली जा रही यात्रियों से खचाखच भरी बस सहवाजपुर नहर पुल पर रेलिग न होने की वजह से एक ट्रक को साइड देने के प्रयास के दौरान लबालब चल रही नहर में लटक गई थी। यह संयोग ही था कि चालक की सूझबूझ से पानी से लबरेज इस नहर में बस नहीं गिरी। अन्यथा बस में सवार लगभग 55 सवारियां हादसे का शिकार हो जातीं। जान बचाने को सवारियां बस से कूद गई थीं। बस नहर पुल पर लटकने की खबर पाकर सीओ रसूलाबाद रामशरण सिंह पुलिस बल तथा जेसीबी सहित मौके पर गए थे। बस को खिचवा कर गंतव्य की ओर रवाना करवाया था। नहर विभाग के अधिशासी अभियंता ओपी मौर्य ने रेलिग को प्राथमिकता के आधार पर बनवाने तथा नहर की सफाई और क्षतिग्रस्त पुलों की मरम्मत का ठेका लिए लखनऊ की कंपनी सूरज बिल्डर्स को नोटिस दिया था। इस नोटिस के बाद भी ठेकेदार ने फौरी कदम ही उठाए हैं। मिट्टी भरी बोरियां व दो रेडियम रिफ्लेक्टर पाइप लगवा दिए गए। लोगों का कहना है कि मिट्टी की भरी बोरियां रेलिग का कितना काम कर पाएंगी यह कह पाना ठीक नहीं है। अधिशासी अभियंता नहर विभाग ओपी मौर्य ने बताया कि संबंधित ठेकेदार को नोटिस दिया गया था। कार्य में शिथिलता बरतने की जानकारी उन्हें नहीं है। जानकारी कराकर प्राथमिकता के आधार पर सहवाजपुर पुल की रेलिग बनवाई जाएगी।