गरीबी-अमीरी की खाई पाट रही 'नेकद्वार' की दीवार
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : यूं तो दीवार लोगों को बांटने का काम करती हैं, लेकिन संदीप
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : यूं तो दीवार लोगों को बांटने का काम करती हैं, लेकिन संदीप बंसल और उनके साथियों की बनाई 'नेक द्वार' नाम से बनी दीवार अमीरों और गरीबों को जोड़ रही है। इस नेक द्वार पर अमीर भी आते हैं और गरीब भी। इनके आने का मकसद भले ही अलग हो, पर इरादे नेक होते हैं। नेक द्वार की इस दीवार पर अमीर दान के इरादे से तो गरीब अपनी ख्वाहिशों को पूरा करने आता है।
पुखरायां निवासी व्यवसायी संदीप बंसल बताते हैं कि एक दिन काम के सिलसिले से नोएडा गए। वहां नेकी की दीवार नाम से एक दीवार देखी, जहां लोग अपने घरों की वे वस्तुएं रख जाते हैं, जो उनके काम की नहीं होती। वहीं गरीब व जरूरतमंद उन वस्तुओं में अपने काम की चीजें छांटकर ले जाते हैं। गरीबों की मदद करने का यह तरीका उन्हें पसंद आया और पुखरायां के ही साथी व्यवसायी दिवाकर गुप्ता और डॉ. धीरेंद्र सचान के साथ कस्बे में ही नेक द्वार नाम से एक दीवार खड़ी करा दी। 16 मार्च 2017 से बनाई गई इस नेक द्वार पर विभिन्न परिवारों के लोग अपनी वस्तुएं मसलन बच्चों के कपड़े, खिलौने, पुराने जूते, चप्पल, कपड़े व अन्य गृहस्थी का सामान छोड़कर जा रहे हैं। वहीं जरूरतमंद इन वस्तुओं को पाकर खुश हो रहे हैं। नेक द्वार के लिए आगे आए लोग
नेक द्वार की सोच को स्थानीय लोगों ने अपना अपार समर्थन दिया। लोकप्रियता देखते हुए इसे दो अन्य स्थान पर और खोला गया। इसमें पुखरायां के पास अमरौधा कस्बा में शाखा खोली गई है। अकबरपुर से समाजसेवी रजत गुप्ता, कंचन मिश्र, कानपुर से अजय मित्तल, रजत सचान, गुड़गांव (हरियाणा) से पुनीत गुप्ता इस नेक मुहिम को आगे बढ़ाने में मदद कर रहे हैं।