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अस्ताचल गामी सूर्य को अ‌र्घ्य देकर मांगा अखंड सौभाग्य

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: जनपद में सूर्य उपासना के पर्व छठ पूजा के क्रम में मंगलवार क

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 07:07 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 07:07 PM (IST)
अस्ताचल गामी सूर्य को अ‌र्घ्य देकर मांगा अखंड सौभाग्य
अस्ताचल गामी सूर्य को अ‌र्घ्य देकर मांगा अखंड सौभाग्य

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: जनपद में सूर्य उपासना के पर्व छठ पूजा के क्रम में मंगलवार को व्रत रखने वाली महिलाओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य दे परिवार की सुख समृद्धि की कामना की। रवींद्रपुरम मैथा व यूपी एसआईडीसी कालोनी नवीपुर व अकबरपुर में रहने वाली महिलाओं ने परिजनों के साथ पूजन सामग्री सहित शाम को नहर किनारे पहुंचकर पूजन अर्चन करने के बाद पानी में खड़े होकर भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य देकर अखंड सौभाग्य की कामना की। इस मौके पर विधायक ने भी पूजन में प्रतिभाग करने के साथ ही नहर का पक्का घट बनवाने का भरोसा दिया।

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अकबरपुर तहसील क्षेत्र के नवीपुर गांव के पास स्थित यूपीएसआईडीसी कालोनी में रहने वाली मंजूदेवी, कुसमा, सुनीता, श्रीकांती, सीमा आरती व गीता आदि मंगलवार शाम को पूजन के लिए कई प्रकार के फल, चना और अन्य सामग्री को सूप में रखकर रामगंगा नहर किनारे पहुंचीं। व्रत रखने वाली यह महिलाएं आगे-आगे चल रही थीं जबकि उनके परिजन पूजन सामग्री व सूप आदि लेकर उनके पीछे नहर किनारे आए। इसी प्रकार रवींद्रपुरम व इंदिरा नगर मैथा की रामेश्वरी देवी, संगीता, शशी, विद्यावती, गुड्डी, भगवती, सावित्री व सुनीता आदि महिलाएं नहरपुल के पास परिजनों व पूजन सामग्री के साथ पहुंची। यहां विधायक प्रतिभा शुक्ला ने पहुंचकर पूजन में प्रतिभाग किया। इस मौके पर महिलाओं के आग्रह पर उन्होने मैथा के पूजन वाले नहर के घाट को पक्का बनवाने का भी भरोसा दिया। शाम चार बजे से ही नहर के घाटों पर व्रत रखने वाली महिलाओं ने नहर किनारे साफ सुथरी जगह में पूजन अर्चन किया। भगवान भास्कर को अस्ताचल की ओर प्रस्थान करते देख इन महिलाओं ने घुटने तक नहर के पानी में खड़े होकर डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। दीप प्रज्ज्वलित करके छठ मैया की पूजा की। इसके बाद एक दीप छठ मैया और दूसरा भगवान भास्कर को अर्पित किया। इसके बाद छठ मैया के गीत छठी मैया चलली ससुरवा रोये नइहर के लोग., कोसी-कोसी बोली ले छठीय मैया.,हमरा गोदीया में भइले ललनवा हमहु कोशीया भरायब., गाय के गोबरा से अंगना लीपवनी कोसीया भरइनी आदि भी गाए गए।


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