प्लास्टिक उद्योग को पैकेज की दरकार
जागरण संवाददाता कानपुर देहात लॉकडाउन के बाद प्लास्टिक उद्योग प्रभावित हुआ है जबकि इस
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : लॉकडाउन के बाद प्लास्टिक उद्योग प्रभावित हुआ है, जबकि इसके बाद से कच्चे माल के दामों में हो रही बढ़ोत्तरी से भी उद्यमियों को नुकसान हो रहा है। जिले के प्लास्टिक क्षेत्र से जुड़े उद्यमी बजट में रिसाइक्लिग के लिए अलग से प्रावधान की चाह रखते हैं। पैकेज मिलने पर उद्योग पुरानी रफ्तार से चल पड़ने की बात उद्यमी कह रहे।
आगामी बजट को लेकर प्लास्टिक उद्योग से जुड़े उद्यमी सकारात्मक उम्मीद लगाए हैं। उद्यमियों का मानना है कि इंफ्रास्ट्रक्चर व परिवहन की बेहतर व्यवस्था होने से ही उद्योगों को बढ़ावा मिल सकता है, जिससे नए लोग भी स्टार्टअप करेंगे। इसके लिए सरकार को उद्यमियों के हित में कदम उठाने होंगे। लॉकडाउन के दौरान उद्योगों पर बुरा प्रभाव पड़ा है, जबकि कई की स्थिति ही बिगड़ गई। अब आने वाले बजट से बेहतरी की उम्मीदें हैं। राहत पैकेज से उद्योग फिर से उबरेगा। जिले में प्लास्टिक उद्योग का व्यापार करीब तीन सौ करोड़ में होगा। इस क्षेत्र में युवा उद्यमी भी अधिक आए हैं और राहत पैकेज से उन्हें ऊबरने का मौका मिलेगा और वह राजस्व की कमाई कर सरकार को दे सकते हैं।
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उद्यमियों के बयान
पैकेजिग इंडस्ट्री को बढ़ाने के लिए उठाए कदम
उद्यमी मीरा सिंह बताती हैं कि कच्चे माल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। वहीं लॉक डाउन में और भी विपरीत परिस्थितियां हो गई। नए बजट में पैकेजिग इंडस्ट्री को बढ़ाने के लिए सरकार को रिसाइक्लिग के लिए अलग से प्रावधान लाने की आवश्कता है, जिससे नए स्टार्टअप को मौका मिलेगा। इसके साथ ही जिले में बिजली सहित अन्य समस्याएं हैं जिसके लिए भी कदम उठाने की जरूरत है।
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समाधान योजना से मझोले उद्योगों को नुकसान
स्माल इंडस्ट्री एवं मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के पूर्व चेयरमैन हरदीप सिंह राखरा बताते हैं कि समाधान योजना से भी मझोले उद्यमियों को फायदा नहीं है क्योंकि छोटे डीलर टैक्स से बचने के लिए बिल से दूरी बनाते हैं, जिससे नुकसान होता है। इसके साथ ही औद्योगिक क्षेत्र से जुड़ने वाली सड़क व परिवहन क्षेत्र के लिए सरकार को बजट में विशेष पैकेज देना चाहिए।