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जर्जर तारों में उलझी गांवों की रोशनी

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : झींझक क्षेत्र के कई गांवों की बिजली जर्जर तारों में उ

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Sep 2018 07:16 PM (IST)Updated: Wed, 26 Sep 2018 07:16 PM (IST)
जर्जर तारों में उलझी गांवों की रोशनी
जर्जर तारों में उलझी गांवों की रोशनी

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात :

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झींझक क्षेत्र के कई गांवों की बिजली जर्जर तारों में उलझकर रह गई है। आए दिन गांवों में बिजली आपूर्ति ठप हो जाती है। जर्जर तार सिर्फ बदतर बिजली आपूर्ति का ही दर्द नहीं दे रहे, जान पर भी आफत बने हैं। लोग आज भी हादसों को याद कर सिहर उठते हैं। शिवली के किसान की दर्दनाक मौत की घटना हर किसी के जेहन में ताजा है। वह किसान जो रात में खेत में टहलकर अन्ना मवेशी से फसल की रखवाली कर रहा था। अचानक उसका सिर झूलते तार से टकराया और वह जान से ही हाथ धो बैठा। इसी तरह की घटना झींझक क्षेत्र में एक युवती के साथ हुई थी। मूसानगर व रसूलाबाद में भी लोग इन झूलते तारों की चपेट में आ चुके हैं। इतने सबके बावजूद विभागीय अफसरों के पास एक ही जवाब है कि जब तार होंगे तो बदले जाएंगे।

झींझक के लगरथा रोड नवीन सब स्टेशन से जुड़े मुड़ेरा, मंगलपुर, सुराशी, गौरी आदि गांवों की बिजली व्यवस्था बेहाल है। जरा सी हवा के कारण बिजली आपूर्ति ठप हो जाती है। सिकंदरा के शाहजहांपुर फीडर में भी यही हाल है। रसूलाबाद कस्बे में एक माह के अंदर चार बार तार टूट कर गिर चुके हैं। गौरी गांव निवासी राहुल गुप्ता, मंगलपुर के अशोक राजपूत, मुड़ेरा गांव के कृपाशंकर संखवार, सूराशी के संतोष आदि का कहना है कि हमारे गांव आने वाली हाईटेंशन लाइन व गांव के भीतर मौजूद लाइनों के तार इतने जर्जर हैं कि बिजली आपूर्ति बाधित रहती है।

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जिन गांवों के तार जर्जर हैं, वहां नए तार लगाने के लिए इस्टीमेट बनाया जाएगा। फिलहाल जर्जर व ढीले तारों को कसा जाएगा।

-सचिन यादव, जेई, बिजली विभाग


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