आंखों में आंसू , होंठो पर छलका गुस्सा
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: सड़क के किनारे, छतों पर, पेड़ जिसे जहां जगह मिली वही
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: सड़क के किनारे, छतों पर, पेड़ जिसे जहां जगह मिली वहीं डटा था। चारो ओर लहराते तिरंगे, आंखों में आंसू और होंठो पर पाकिस्तान के खिलाफ नफरत, गुस्सा साफ छलक रहा था। रैगवां गांव के इस नजारे का वहां मौजूद हर कोई साक्षी बना।
आतंकी हमले में पुलवामा में रैंगवा के लाल श्याम बाबू की शहादत हो गई। यह खबर जिसे मिली उसके मन में आतंकियों के लिए नफरत उभर पड़ी। शनिवार को जब शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो लोग तिरंगा लेकर टुकड़ियों में रैगवां गांव की ओर निकल पड़े। छोटी-छोटी समूह में पहुंचे लोगों को जन सैलाब थोड़ी ही देर में गांव में उमड़ पड़ा। लोग गांव में छतों पर चढ़ गए और श्याम बाबू अमर रहे के नारे लगाए। देश भक्ति से लबरेज हुए माहौल में युवा क्या बुजुर्ग सब मुट्ठी बांधे एक हाथ से तिरंगा लहरा कर पाकिस्तान को चेतावनी दे रहे थे तो दूसरी ओर देश की रक्षा करते प्राणोत्सर्ग करने वाले श्याम बाबू अमर रहे के नारे लगा रहे थे। लोग छत पर शान से तिरंगा हाथ में पकड़ कर शहीद को सलामी भी दे रहे थे। अंतिम संस्कार स्थल पर कई युवा भीड़ अधिक होने पर पेड़ पर तिरंगा लेकर चढ़ गए और वहीं से शहीद श्याम बाबू अमर रहे, आतंकवाद को मुंह तोड़ जवाब दो, जबतक सूरज चांद रहेगा श्याम बाबू का नाम रहेगा आदि नारे लगा रहे थे। वीर सपूत के अंतिम दर्शन को उमड़े लोगों की आंखों में आंसू थे तो होंठो पर गुस्सा साफ झलक रहा था।