स्वजल धारा से बनेगी टंकी, दूर होगी पेयजल किल्लत
जागरण संवाददाता कानपुर देहात गांवों में पेयजल किल्लत दूर हो इसके लिए स्वजल धारा योजना में
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: गांवों में पेयजल किल्लत दूर हो इसके लिए स्वजल धारा योजना में छोटी टंकी का निर्माण हो सकता है। जल निगम ने अब ग्राम पंचायतों से प्रस्ताव मांगे हैं। योजना लागत का दस फीसद अंश दान जन सहयोग से जुटाया जाएगा।
स्वजल धारा 50 लाख रुपये से कम बजट की पेयजल योजना है। इसमें योजना लागत का दस फीसद अंशदान लोगों से जुटाया जाएगा। इसके बाद बाकी की योजना लागत का 45-45 फीसद राज्य व केंद्र सरकार वहन करेंगी। मंजूरी मिलने पर 20 किलो लीटर (20 हजार ली.) क्षमता की टंकी बनाकर घरों में जलापूर्ति की जा सकेगी। अधिकतम दस किलो मीटर लंबाई की भूमिगत पाइप लाइन बिछाई जा सकती है। जिले में केवल 51 पेयजल ही परियोजनाएं हैं। दो अन्य परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं जबकि 5 में काम चल रहा है। जिन गांवों में जलापूर्ति के इंतजाम नाकाफी हैं वहां गर्मी में पेयजल किल्लत होती है। स्वजल धारा योजना में छोटी टंकी निर्माण के लिए जल निगम ने पहल कर ग्राम पंचायतों से प्रस्ताव मांगे हैं।
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कनवर्ट हो सकती सरगांव बुजुर्ग योजना
सामूहिक सहभागिता से टंकी निर्माण के लिए डेरापुर ब्लाक के सरगांव बुजुर्ग गांव के ग्रामीणों ने डेढ़ लाख रुपये जुटाए थे। इसके बाद जल निगम ने 2.46 करोड़ रुपये का प्रस्ताव अगस्त 2016 में शासन को भेजा था लेकिन दो वर्ष से अधिक समय से प्रस्ताव लंबित हैं। जल निगम ने अधिशासी अभियंता एमके सिंह कहते हैं कि स्वजल धारा में सरगांव बुजुर्ग की पानी टंकी प्रस्ताव को कनवर्ट करने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना से बड़े गांव में आबादी के अनुसार चार टंकी तक बनाई जा सकती हैं।
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पहले की टंकी है तो नहीं बनेगी
जिन गांवों में अन्य योजना से टंकी बनी है। किन्हीं कारणों से टंकी बंद है तो उन गांवों में स्वजल धारा योजना से टंकी नहीं बनाई जा सकेगी। टंकी उन गांवों में बनेगी जहां अन्य पाइप लाइन योजना न हो।
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स्वजल धारा योजना में टंकी निर्माण के लिए प्रधानों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। इसके बाद चिह्नित गांवों में जन सहभागिता से टंकी निर्माण कार्य जल निगम कराएगा।
एके सिंह, अधिशासी अभियंता जल निगम