छेड़छाड़ में आरोपित लोडर चालक पुलिस के हत्थे चढ़ा
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: परीक्षा देकर अपने गांव जाने के लिए कालेज के सामने वाहन का
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: परीक्षा देकर अपने गांव जाने के लिए कालेज के सामने वाहन का इंतजार कर रही दो छात्राओं को लोडर में बिठाने के बाद छेड़छाड़ करने के मामले में आरोपित लोडर चालक अंतत: पुलिस के हत्थे चढ़ गया। वहीं एक छात्रा की मौत के बाद इस मामले में दर्ज मुकदमें को गैर इरादतन हत्या में तरमीम करने के साथ आरोपित चालक को पूछताछ कर जेल भेजा गया।
जनता इंटर कालेज में कक्षा नौ में पढ़ने वाली मोहम्मदपुर गांव की दो छात्राएं गत 5 नवंबर को परीक्षा देकर वापस अपने गांव जाने के लिए कालेज के पास वाहन का इंतजार कर रही थीं। इसी बीच वहां पहुंचे एक लोडर के चालक ने उनको मोहम्मदपुर में छोड़ने की बात कहकर लोडर में बिठा लिया। आरोप है कि रास्ते में चालक की छेड़छाड़ से सहमी दोनों छात्राएं चलते लोडर से कूदकर जख्मी हो गई थीं। सूचना पर यूपी- 100 की पुलिस ने दोनों छात्राओं को परिजनों के साथ जिला अस्पताल भेजा था। वहां से एक छात्रा को प्राथमिक उपचार के बाद डाक्टरों ने गंभीर हालत में हैलट अस्पताल कानपुर रेफर कर दिया था। इस मामले में नौ नवंबर की शाम को तहरीर मिलने के बाद भी पुलिस जांच के नाम पर मामले को टरकाए रही। रविवार को कानपुर में इलाज के दौरान एक छात्रा की मौत के बाद हरकत में आई पुलिस ने देर रात आनन-फानन में लोडर चालक के खिलाफ छेड़छाड़ व उतावलेपन से जीवन को संकट में डालने तथा पाक्सो एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज कर आरोपित की तलाश शुरू की थी। मंगलवार को पुलिस ने आरोपित लोडर चालक राघवेंद्र ¨सह पुत्र नवाब ¨सह निवासी बर्रा कानपुर को गिरफ्तार कर लिया। अकबरपुर कोतवाल ऋषिकांत शुक्ला ने बताया कि छात्रा की मौत के चलते दर्ज मुकदमें में गैर इरादतन हत्या की भी धारा बढ़ा दी गई है। उन्होंने बताया कि आरोपित से पूछताछ के बाद कोर्ट में पेश कर उसको जेल भिजवा दिया गया है।
शुरू हुई लापरवाही की जांच
छात्रा के पिता द्वारा गत नौ नवंबर की शाम को दी गई तहरीर के बाद भी रिपोर्ट दर्ज करने में हुई लापरवाही की जांच शुरू हो गई है। छात्रा के पिता का आरोप है कि अकबरपुर कोतवाली में मौजूद इंस्पेक्टर उमांकात ओझा को उसने लिखित तहरीर दी थी, लेकिन उन्होंने रिपोर्ट दर्ज न कर एसआई विष्णुकांत तिवारी को जांच सौंपकर उसको टरका दिया था। पुलिस ने पीड़ित छात्राओं के बयान लेने तक की जहमत नहीं उठाई। उनका यह भी आरोप है कि पुलिस ने जेएसए चालक को हिरासत में लेने के बाद थाने से छोड़ दिया था। छेड़छाड़ का आरोप हटा कर सिर्फ दुर्घटना की तहरीर देने का उस पर दबाव बनाया जा रहा था। इंस्पेक्टर उमाकांत ओझा का कहना है कि घटना के दिन यूपी-100 को दुर्घटना की सूचना दी गई थी। कराई गई जांच में छात्राओं के लोडर में पीछे बैठने की बात सामने आई थी। उन्होंने बताया कि सात नवंबर तक तहरीर न आने पर हिरासत में लिए गए लोडर चालक को मजबूरी में उसके परिजनों की सुपुर्दगी में दिया गया था। एसपी राधेश्याम ने बताया कि तहरीर आने के बाद मुकदमा दर्ज न करना लापरवाही का प्रतीक है। सीओ सदर मामले की जांच कर रहे हैं।