ईमानदारी व विभाग में सुधार के लिए याद किए जाएंगे एसपी अनुराग वत्स
जागरण संवाददाता कानपुर देहात करीब 14 माह का बेदाग कार्यकाल अगर एसपी अनुराग वत्स का र
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : करीब 14 माह का बेदाग कार्यकाल अगर एसपी अनुराग वत्स का रहा तो उसके पीछे उनकी ईमानदारी रही। जनता की समस्याओं को सुनकर उनका तेजी से निस्तारण करना हो या फिर पुलिस विभाग में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई करना हो वह कभी पीछे नहीं हटे। अपनी इसी कार्यशैली के लिए वह जनपद में जनता के बीच याद किए जाएंगे।
जून माह में आइपीएस अनुराग वत्स एसपी बनकर कानपुर देहात में आए थे और अब उनका तबादला हरदोई हो गया है। जिले में जनता की सहूलियत के लिए उन्होंने मुकदमों की विवेचना के लिए अलग तरीके से सच का सामना कार्यक्रम संचालित किया। इसमें वादी, आरोपित व विवेचक को सामने बैठाकर वह पूछताछ करते थे। इससे लोगों को न्याय पाने में आसानी होती थी। इसके अलावा रोजाना जनता दर्शन के अलावा मोबाइल पर भी वह जनता की समस्याओं को सुनते रहे। काम में ढिलाई व भ्रष्टाचार को उन्होंने कभी पुलिस विभाग में बर्दाश्त नहीं किया। डेरापुर थानाध्यक्ष रहे नीरज यादव को भट्ठा संचालक से वसूली में उन्होंने मुकदमा दर्ज कर निलंबित कर दिया था। इसके अलावा स्वाट टीम के एक सिपाही को अवैध डीजल गिरोह के सदस्यों से संपर्क रखने में जेल भेजा। बारा टोल पर दो सिपाहियों को भी वसूली करने पर जेल भेजा। उनकी कड़ी कार्यशैली का ही असर रहा कि विभाग में थाने व चौकी में घूस लेने से सभी डरते थे कि कहीं शिकायत एसपी तक गई तो बचना मुश्किल है। बृजेश अपहरण हत्याकांड, ज्योतिष हत्याकांड, शराब व डीजल गिरोह समेत अन्य मामलों का उन्होंने राजफाश किया। इसके अलावा रासुका व गैंगस्टर की कार्रवाई भी शातिरों पर की। अपनी इसी कार्यशैली से वह जनपद में हमेशा याद किए जाएंगे।