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नागों की हुई पूजा, कुश्तियों के आजमाए गए दांव

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: जनपद में बुधवार को परंपरागत नागपंचमी का पर्व धूमधाम व हर्षो

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Aug 2018 08:06 PM (IST)Updated: Thu, 16 Aug 2018 08:06 PM (IST)
नागों की हुई पूजा, कुश्तियों के आजमाए गए दांव
नागों की हुई पूजा, कुश्तियों के आजमाए गए दांव

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: जनपद में बुधवार को परंपरागत नागपंचमी का पर्व धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर घरों के दरवाजे पर नागों के चित्र बनाकर उनकी पूजा अर्चना हुई। जबकि श्रद्धालुओं ने नाग देवता की बांबियों पर पहुंचकर दूध चढ़ाया। इस मौके पर तालाबों के किनारे गुड़िया कूटने के साथ युवाओं ने तैराकी का आनंद उठाया। जबकि कुछ स्थानों पर कुश्तियों का भी आयोजन हुआ।

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प्राचीन काल से ही नागपंचमी का त्यौहार श्रावण माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। इस त्यौहार में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष आराधना का महत्व बताया गया है। भगवान भोलेनाथ के साथ शेषनाग महाराज की भी पूजा की जाती है। शिवली के नागेश्वर महादेव मंदिर में नागपंचमी के दिन भगवान भोलेनाथ के साथ नाग को भी दूध से स्नान कराकर हल्दी कुमकुम नैवेद्य अर्पित किए गए। बुधवार को नागपंचमी के मौके पर घरों से लेकर मंदिरों तक लोगों ने विशेष पूजा-अर्चना की। जबकि अन्य शिवालयों में भी भक्तों ने पूजन अर्चन किया। इसके बाद गांवों व नगरीय क्षेत्रों के बाहर जंगल में सर्पों की बांबियों पर जाकर भगवान भोलेनाथ के गले के हार नाग देवता को दूध अर्पण किया। वहीं सपेरों ने घर घर जाकर नाग देवता के दर्शन करा श्रद्धालुओं से दक्षिणा हासिल की। इधर गांवों में बच्चों ने गुड़िया पीटने के बाद तालाबों में डलांग लगा तैराकी का आनंद उठाया। जबकि गांवों में प्रतीकात्मक दंगलों का आयोजन हुआ। इसमें युवाओं ने कुश्ती के दांव पेंच भी दिखाए।


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