अजगर पकड़ने गए वनकर्मी को 'रसल वाइपर' ने डसा
अजगर पकड़ने गए वनकर्मी को रसल वाइपर ने डसा
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : मुर्रा, गजनेर में अजगर निकलने की सूचना पर उसे पकड़ने पहुंचे वनकर्मी ने धोखे से जहरीले सांप 'रसल वाइपर' को पकड़ लिया। सांप ने वनकर्मी के हाथ को तीन बार डसा। इसके बावजूद वनकर्मी ने सांप को नहीं छोड़ा और उसे बोरी में बंद कर लिया। बाद में उसकी हालत बिगड़ने पर उसे एलएलआर अस्पताल के आइसीयू में भर्ती कराया गया।
इस समय अजगर का मैटिंग सीजन है। इस वजह से देहात क्षेत्रों में अजगर निकलने के मामले सामने आ रहे हैं। बुधवार को वन विभाग के कंट्रोल रूम में मुर्रा, गजनेर में अजगर निकलने की सूचना मिली। वनकर्मी (जलालपुर पौधशाला में तैनात माली) जुनैदपुर भोगनीपुर निवासी सजीवन लाल अन्य कर्मी शंकर के साथ गांव पहुंचे। यहां ग्रामीणों ने सांप को बड़ी टोकरी में बंद कर दिया था। सजीवन लाल ने टोकरी में बंद सांप को अजगर समझा, जबकि ये देश में पाई जाने वाली सर्वाधिक जहरीली प्रजाति रसल वाइपर था। सजीवन ने जैसे ही टोकरी उठाई सांप तेजी से रेंगते हुए एक घर की ओर जाने लगा। इस पर उन्होंने इसकी पूछ पकड़कर उठा लिया। बोरी में बंद करने के दौरान सांप ने सजीवन के हाथ में तीन बार डंसा। इसके बावजूद उन्होंने सांप को नहीं छोड़ा और बोरी में बंद कर दिया। कुछ देर बाद जब सजीवन की हालत बिगड़ी तो उन्होंने अपने साथ गए शंकर व अन्य वन्य कर्मियों को जानकारी दी। उन्हें तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां एंटी स्नेक वेनम दवा देने के बावजूद जब हालत नहीं सुधरी तो उन्हें एलएलआर अस्पताल के आइसीयू में भर्ती कराया गया। डीएफओ डॉ. ललित कुमार गिरि ने बताया कि रसल वाइपर को अजगर समझने के कारण गलती हुई। पकड़े गए सांप को कानपुर चिड़ियाघर भेजा गया है। अजगर जैसा ही दिखता है रसल वाइपर
भारत में पाए जाने वाली सभी प्रजतियों में रसल वाइपर सबसे अधिक जहरीला है। देखने में यह बिल्कुल अजगर जैसा नजर आता है। देश में सांप के डंसने से होने वाली सर्वाधिक मौतों का जिम्मेदार रसल वाइपर ही है। इसकी औसत लंबाई चार फीट होती है। हालांकि यह साढ़े पांच फीट तक लंबा हो सकता है।