त्योहार पर घर पहुंचने की दिखी जल्दी, परिवहन की रही समस्या
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : करीब सैंतीस साल पहले कानपुर नगर से प्रथक हुए इस जिले के
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : करीब सैंतीस साल पहले कानपुर नगर से प्रथक हुए इस जिले के लोगों को अभी तक परिवहन समस्या से निजात नहीं मिल सकी। माती में डिपो निर्माण पूरा होने के बाद भी इसका संचालन न होने से लोगों को आवागमन में डग्गामार वाहनों का सहारा लेना पड़ रही है। बुधवार को दीपावली के त्योहार पर घर पहुंचने की जल्दी में परिवहन समस्या एक बार फिर लोगों के सामने आड़े आई। हाईवे किनारे व प्रमुख चौराहों पर घंटों इंतजार के बाद जहां नजदीक वाले स्थानों पर जाने वाले लोगों ने पैदल ही गंतव्य की यात्रा पूरी की, वहीं तमाम लोग डग्गामार वाहनों का सहारा लेने को विवश हुए।
करीब 37 साल पहले अस्तित्व में आए इस जिले में कहने को 970 गांवों में 529 गांव सड़क किनारे, 78 गांव पक्की सड़कों से एक किमी, 258 गांव पक्की सड़कों से दो किमी दूर, 116 गांव पक्की सड़क से तीन से पांच किमी दूर स्थित हैं। बारा कालपी व भौंती सिकंदरा हाइवे के अलावा राज्य स्तरीय राजमार्ग घाटमपुर- सिकंदरा मुगलरोड़ व कल्यानपुर- बेला मार्ग हैं। इनके अलावा सिकंदरा -बिल्हौर, माती - ¨मडा कुआं बाया रूरा तथा रूरा - शिवली व डेरापुर- मंगलपुर - रूरा - डेरापुर, नवीपुर गजनेर- मूसानगर, रायपुर सरवनखेड़ा आदि प्रमुख मार्ग हैं। इन मार्गों से होकर प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग आवागमन करते हैं। अधिकांश रूटों पर रोडवेज बसों का संचालन न होने से यहां टेंपो ही आवागमन के प्रमुख साधन बने हैं। परिवहन समस्या के निदान के लिए शासन से अक्टूबर 2015 में माती में 439.53 लाख की लागत से परिवहन निगम के डिपो के निर्माण की मंजूरी दी थी। कार्यदायी संस्था समाज कल्याण निर्माण निगम द्वारा डिपो का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण कराया जा चुका है। इतना ही नहीं आधी अधूरी व्यवस्था के बीच जिले के प्रभारी मंत्री माती डिपो का उद्घाटन भी कर चुके हैं। लेकिन अभी तक इसका संचालन न होने से लोगों को परिवहन समस्या से निजात मिलने का सपना अभी तक अधूरा है। दीपावली के मौके पर बड़ी संख्या में गैर जिलों में काम करने वाले लोग घरों को लौटते समय परिवहन समस्या से जूझने को विवश हुए। अधिकांश कस्बों के लिए पर्याप्त बसों का संचालन न होने तथा यहां यातायात के प्रमुख साधन बने टेंपो त्योहार के चलते कम संख्या में चलने से लोगों को भटकना पड़ा। अकबरपुर, सिकंदरा, राजपुर, भोगनीपुर, रसूलाबाद, शिवली आदि स्थानों पर महिलाओं व बच्चों के साथ लोग सवारी वाहनों का इंतजार करते दिखे। मजबूरी में लोगों ने डग्गामार वाहनों से गंतव्य की यात्रा पूरी की। ट्रेनों में भी उमड़ी भीड़
दीपावली के मौके पर ट्रेनों में भी यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ी। इसके चलते रूरा, झींझक, पुखरायां आदि स्टेशनों पर यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने उतरने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। तमाम बुजुर्ग व महिलाएं भीड़ के चलते ट्रेन में सवार नहीं हो सके।