जिले के 54 क्रय केंद्रों में पहले दिन 15 क्विंटल धान की खरीद
जागरण संवाददाता कानपुर देहात शासन के निर्देश पर 15 अक्टूबर से शुरू हुई धान खरीद के ि
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : शासन के निर्देश पर 15 अक्टूबर से शुरू हुई धान खरीद के लिए जिले में 54 केंद्र बनाए गए हैं। गुरुवार को पहले दिन जिले में केवल 15 क्विंटल धान की खरीद हो सकी। वहीं मंडी से जुड़े केंद्रों को छोड़ दें तो ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश केंद्र पर एक भी किसान नहीं पहुंचा।
खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में धान खरीद के जिले में खाद्य विभाग, पीसीएफ, पीसीयू, यूपी स्टेट एग्रो, कर्मचारी कल्याण निगम, नाफेड, भारतीय खाद्य निगम सहित नौ एजेंसियों के 54 खरीद केंद्र बनाए गए हैं। इसमें अकबरपुर ब्लॉक में सात, सरवनखेड़ा में तीन, मैथा में छह, डेरापुर में चार, झींझक में पांच, रसूलाबाद में नौ केंद्र खोले गए हैं। वहीं राजपुर, अमरौधा व मलासा ब्लॉक में एक-एक केंद्र बनाया गया है। गुरुवार को धान खरीद के लिए की गई तैयारियों के तहत अकबरपुर मंडी में बने केंद्र में खरीद की पहली बोहनी जगजीवनपुर निवासी महिला किसान सुनीता देवी से की गई। मंडी में मौजूद एसडीएम आनंद कुमार सिंह व जिला खाद्य विपणन अधिकारी शिशिर कुमार की मौजूदगी में हैंडवॉश डे के तहत मौजूद कर्मी व किसान के हाथ धुलवाए गए। इसके बाद फूल-माला पहनाकर पहली खरीद की गई। रसूलाबाद में तहसील गेट के सामने ही एक मिल परिसर में आरएफसी का धान खरीद केंद्र खोला गया है, जिसमें खरीद नहीं हुई है। झींझक, सिकंदरा व शिवली में भी खरीद नहीं हो सकी। धान खरीद के लिए एजेंसियों का लक्ष्य
जिले में धान खरीद के लिए शासन की ओर से एक लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। खाद्य एवं रसद विभाग ने सभी नौ एजेंसियों के लिए भी लक्ष्य का निर्धारण कर दिया है, जिसमें खाद्य विभाग को सबसे अधिक 36 हजार मीट्रिक टन का लक्ष्य दिया गया है। वहीं एनसीसीएफ को सबसे कम 15 सौ मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य मिला है। क्रय एजेंसी खरीद लक्ष्य (एमटी में) खाद्य विभाग 36000
पीसीएफ 8000
यूपी एग्रो 2500
कर्मचारी कल्याण निगम 2000
नाफेड 8000
पीसीयू 25000
यूपीएसएस 9000
एनसीसीएफ 8000
भारतीय खाद्य निगम 1500 झींझक मंडी में नहीं पहुंचे पल्लेदार
झींझक मंडी स्थल में बने केंद्र में पहले दिन ठेकेदार ने पल्लेदार नहीं भेजे। हालांकि इस दौरान खरीद केंद्र खुला रहा और एसएमआइ मृदुला यादव भी मौजूद रहीं, लेकिन पल्लेदार न होने से खरीद नहीं हो सकी।