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टैक्स पारदर्शिता के साथ ही ऋण ब्याज से राहत मांग रहा बर्तन उद्योग

जागरण संवाददाता कानपुर देहात कच्चे माल के दामों में हुई बढ़ोतरी से बर्तन उद्योग प्रभावित

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Jan 2021 06:22 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 06:47 PM (IST)
टैक्स पारदर्शिता के साथ ही ऋण ब्याज से राहत मांग रहा बर्तन उद्योग
टैक्स पारदर्शिता के साथ ही ऋण ब्याज से राहत मांग रहा बर्तन उद्योग

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : कच्चे माल के दामों में हुई बढ़ोतरी से बर्तन उद्योग प्रभावित हुआ है। बर्तन उद्योग को फिर से रफ्तार दिलाने के लिए जीएसटी रिफंड में पारदर्शिता लाने साथ ही ऋण ब्याज में भी राहत देनी होगी। सरकार की ओर से बजट में राहत मिलने के बाद ही उद्योगों अपनी गति पर आ सकेंगे।

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लॉकडाउन के बाद बर्तन उद्योग पर बुरा प्रभाव पड़ा है। इसके साथ ही कच्चे माल में भी बढ़ोतरी हुई है, जिससे लागत बढ़ने के साथ ही बिक्री के लिए भी उद्यमियों को समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। जिले में एक बर्तन उद्योग से छोटी बड़ी तीन दर्जन से अधिक फैक्ट्रियां हैं। आगामी बजट से बर्तन उद्योग से जुड़े उद्यमियों को सकारात्मक उम्मीद है। उद्यमियों का मानना है कि बर्तन उद्योग ही नहीं बल्कि अन्य उद्योगों पर भी लॉकडाउन में बुरा प्रभाव पड़ा है। अब इन्हें फिर से गति देने के लिए सरकार को बजट में विशेष पैकेज देने होंगे। राहत पैकेज मिलने से उद्यमियों को तमाम समस्याओं से उबरने का अवसर तो मिलेगा ही वहीं अन्य नए स्टार्टअप भी आएंगे।

उद्यमियों के बयान

लोन में छूट मिलने से सुधरेंगे हालात

उद्यमी अनुराग मालवीय बताते हैं कि कच्चे माल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। इससे बर्तन उद्योग पर बुरा प्रभाव पड़ा है, क्योंकि लागत बढ़ने से उसके सापेक्ष बिक्री नहीं हो रही है। मौजूदा समय में 8.5 फीसद ऋण पर बैंक ब्याज ले रहे हैं। सरकार को इसे घटाना होगा, ज्यादा नहीं तो बजट में एक से दो फीसद ब्याज में गिरावट की जाए। इससे सभी प्रकार के उद्यमियों को राहत मिलेगी।

जीएसटी रिफंड में आए पारदर्शिता

उद्यमी राजीव अग्रवाल बताते हैं कि जीएसटी रिफंड में उद्यमियों को समस्याएं आ रही हैं। टैक्स स्लैब में बढ़ोतरी होनी चाहिए। इसके साथ ही टैक्स में पारदर्शिता लाने की जरूरत है। मौजूदा समय में रिटर्न को लेकर व्यापारियों को समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। इसके साथ ही प्रशिक्षित लेबर की समस्या है। बजट में ऐसा प्रावधान किया जाए, जिससे लेबरों को प्रशिक्षण मिले।


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