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हाईवे पर हो गए गड्ढे, अंडरपास में भरी गंदगी

नकेल न कसने के कारण व्यवस्था में नहीं हो रहा सुधार

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 12:22 AM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 06:21 AM (IST)
हाईवे पर हो गए गड्ढे, अंडरपास में भरी गंदगी
हाईवे पर हो गए गड्ढे, अंडरपास में भरी गंदगी

संवाद सूत्र, मुंगीसापुर: हाईवे का निर्माण करने वाली संस्था के जिम्मेदार अधिकारी अनुरक्षण में रुचि नहीं दिखा रहे हैं, जिससे जगह-जगह जलभराव, ग्रास कटिग न होने, गंदगी, टूटी सर्विस लेने लोगों की परेशानी बढ़ा रही है। साथ ही लाइटों के जलने बुझने की समय सारणी भी अपडेट नहीं की गई है। नकेल न कसने से विभिन्न पटलों की ठेकेदारी कर रहे ठेकेदार भी अनियमितता बरत रहे हैं। प्रशासन के लिए मददगार इन दिनों हाईवे पर लगे कैमरे भी बंद पड़े हुए हैं।

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हाईवे निर्माण के बाद उसके अनुरक्षण की जिम्मेदारी कुशलतापूर्वक नहीं निभाई जा रही है। कई वर्ष बीतने के बावजूद अधिग्रहीत जमीन को भी कब्जा मुक्त नहीं किया गया है, जिससे कस्बे की सर्विस लेन का निर्माण मानक के अनुरूप आज भी नहीं हो सका है। अंडरपास के नीचे वाहनों के निकलने पर अधिकांश तौर पर जाम लग जाता है। औरैया की ओर जाने वाली लेन पर वाहनों को जगह कम होने के चलते जाम से जूझना पड़ता है। इसके अलावा कई जगहों की सर्विस लेने दुर्दशा ग्रस्त हैं। जगह-जगह गड्ढों से लोग चितित हैं तथा जलभराव होने से लोगों को परेशानियां हो रही हैं जिनकी मरम्मत करने में संस्था रुचि नहीं दिखा रही है। इसके अलावा कई पटलों की जिम्मेदारी के लिए आवंटित किए गए ठेकों का कुशलतापूर्वक ठेकेदार निर्वहन नहीं कर रहे हैं। कई महीनों तक अंडरपास के नीचे व सर्विस लेन पर साफ सफाई नहीं की जाती है। ग्रीन बेल्ट पर पौधों की लंबाई भी बढ़ गई है। जो वाहन चालकों को हाईवे पार करने वाले जानवरों को नहीं देख पाते हैं। जगह-जगह गंदगी फैली हुई है रात्रि के समय अंडरपास और ओवर ब्रिजों के ऊपर लगी लाइटें कभी जलती तो कभी बंद रहती हैं। लाइटों के जलने की समय सारणी नियमित रूप से अपडेट न किए जाने से देर से जलती हैं और जल्दी बंद हो जाती हैं। ठेकेदारों पर मनमानी के बाबत जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। जबकि इस संबंध में बात करने पर मुख्य प्रोजेक्ट मैनेजर पीयूष कटियार का फोन नहीं उठा।

हाईवे पर किसी भी समस्या को लेकर स्थानीय लोग टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज कराएं। एनएचएआइ लापरवाही बरतने पर निर्माणदायी संस्था पर जुर्माना वसूल करती है। इसके अलावा अधिग्रहीत जमीन को कब्जा मुक्त कराना जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है। अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा मिलने के बावजूद कब्जा मुक्त न होना एक गंभीर समस्या है। साथ ही कब्जा व अतिक्रमण आदि फैलाने के संबंध में समस्त गांव सभा के प्रधानों को नोटिस जारी कर मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया जा चुका है। गड्ढों को भरने के लिए निर्माणदायी संस्था को निर्देशित किया जाएगा।

पुरुषोत्तम लाल चौधरी, परियोजना निदेशक, एनएचएआइ


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