तीन साल पहले अगवा किशोर को पुलिस ने मध्यप्रदेश से किया बरामद
जागरण संवाददाता कानपुर देहात खाकी ने एक परिवार की खो चुकी खुशियों को फिर लौटाकर
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : खाकी ने एक परिवार की खो चुकी खुशियों को फिर लौटाकर उनके चेहरे पर मुस्कान भरी है। तीन साल पहले भोगनीपुर के किशोर को इलाके के दंपती बहलाकर अगवा कर ले गए थे। दंपती के कहने पर किशोर अपने पिता का एटीएम भी ले गया था। दंपती ने उससे रुपये निकलवाकर रख लिए और किशोर ण्को अकेला छोड़ भाग निकले। इधर किशोर घर वालों की डांट न पड़े, इसलिए घर नहीं आया। इस दौरान जम्मू-कश्मीर, दिल्ली समेत मध्यप्रदेश में होटलों तक में काम किया। शनिवार को पुलिस ने सर्विलांस की मदद से कड़ी मशक्कत कर मध्यप्रदेश जबलपुर से उसे बरामद किया और स्वजन के सुपुर्द किया। एसपी अनुराग वत्स ने किशोर को बरामद करने वाली टीम को 25 हजार का इनाम घोषित किया है।
एसपी अनुराग वत्स ने बताया कि भोगनीपुर कस्बा निवासी उदय प्रताप के बेटे 14 वर्षीय सुदीप को 14 जून 2017 को कृपालपुर निवासी जयकुमार व उसकी पत्नी गुड्डी बहला फुसलाकर अगवा कर ले गए थे। उदय प्रताप ने दंपती के खिलाफ अपहरण करने का मुकदमा दर्ज कराया था। चौकी इंचार्ज पुखरायां अतुल कुमार गौतम ने सर्विलांस की मदद से सुदीप को तीन साल बाद जबलपुर से बरामद किया। एसपी ने बताया कि सुदीप जयकुमार के कहने पर पिता का एटीएम निकाल ले गया था। इके बाद 80 हजार रुपये पुखरायां से एटीएम से निकाल लिए थे। इसके बाद वह झांसी चले गए यहां पर होटल में रुककर एक लाख रुपये निकाले और 70 हजार जयकुमार लेकर घर चला गया। इसके बाद अकेले पड़े सुदीप ने घर जाने पर एटीएम उठा लाने के कारण डांट व मार न पड़े इस कारण वापस नहीं लौटा। मौजूदा समय में वह 17 वर्ष का है और जबलपुर में एक फास्ट फूड की दुकान में काम कर रहा था। होटलों में काम कर किया गुजारा
तीन साल तक सुदीप ने जम्मू कश्मीर, दिल्ली, मध्यप्रदेश व कानपुर के कई होटलों में काम किया और अपना गुजारा किया। एटीएम से रुपये भी पहले खत्म हो चुके थे। केवल मार की डर से वह घर नहीं लौटा। अब जब घर वालों ने उसे पाया तो सीने से लगा लिया और कहा कि बचपन की नादानी थी अब वह अच्छे से घर में रहे।
श्रीनगर में चोरी हो गया मोबाइल
सुदीप श्रीनगर भी गया था जहां उसका मोबाइल चोरी हो गया और कुछ गलत लोगों के हाथ में पड़ गया। पुलिस वहां कुछ समय पहले पहुंची भी और जब मोबाइल बरामद हुआ तो एक बार तो परिवार डर गया कि कहीं कश्मीर घाटी में गलत लोगों के हाथ में तो बेटा नहीं चला गया। इधर वहां से वह दिल्ली आया तो यहां बैग चोरी हो गया।