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कीमती है 'जान', जानते हुए मत बनिए अनजान

सजगता से चलिए सुरक्षित रहेंगे यातायात के नियमों को भी समझिए और बचों को भी करिए जागरूक

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 12:05 AM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 06:05 AM (IST)
कीमती है 'जान', जानते हुए मत बनिए अनजान
कीमती है 'जान', जानते हुए मत बनिए अनजान

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : ठंड ने दस्तक दे दी है। अब रोज शाम ढलते ही कोहरा छाएगा। इसके चलते दृश्यता कम हो जाएगी। अगली सुबह तक आलम ऐसा ही रहेगा। आंखों को हर कुछ साफ नजर नहीं आएगा। ऐसे में सड़कों पर वाहन चलाना दुश्वार होगा। जोखिम होगा। जान के खतरे होंगे। सड़कों के किनारे भारी वाहन भी खड़े करना आम बात होती है। ठंड के मौसम में घने कोहरे की वजह से दुर्घटना होने की आशंका और बढ़ जाती है। सो, कोहरे के कोहराम से बचना जरूरी है। यह ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि जान है तो जहान है। इसलिए आइए जानते हैं कि कोहरे में वाहन चलाते समय क्या करें, क्या न करें। चलते समय यह बरतें सावधानी

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वाहन चलाते समय हर किसी के लिए सावधानी बरतना आवश्यक होता है। खासकर घने कोहरे में रात में सफर करते समय अनिवार्य रूप से वाहन धीमी रफ्तार से ही चलाएं। आगे चल रहे वाहन को ओवरटेक करने से यथासंभव बचें। पार्किंग लाइट जलाकर गाड़ी चलना सुरक्षित रहता है। अगर हाईवे पर ड्राइव कर रहे हैं तो कोशिश करें कि डिवाइडर के बगल से ही गाड़ी चलाए। अगर सामान्य सड़क पर गाड़ी चला रहे हैं तो आगे चलने वाले वाहन के पीछे चले और निश्चित दूरी बनाए रखें। साथ ही कोहरे में वाहन लेकर निकलने से पहले की गई तैयारी से भी हादसा टाला जा सकता है।

ठीक रखें हेडलाइट्स

कोहरे में निकलने से पहले गाड़ी की हेडलाइट्स चेक कर लें। हेड लाइट में हमेशा उम्दा किस्म के बल्ब का इस्तेमाल करें। गाड़ी चलाते समय हेड लाइट लो बीम पर ही रखें। हाई बीम पर कोहरे में प्रकाश परावर्तित होकर आंखों में पड़ता है, जिससे सामने देखने में दिक्कत होती है। बाजार में दो हजार से लेकर काफी अधिक कीमत की हेड लाइट्स उपलब्ध हैं। अपनी क्षमता के अनुसार बेहतर से बेहतर हेड लाइट्स ही लगवाएं।

फॉग लैंप का करें प्रयोग

कोहरे में निकलना हो तो गाड़ी को फॉग के लिहाज से अपडेट करना आवश्यक है। इसके लिए सबसे जरूरी है फॉग लैंप। इसकी मदद से हेड लाइट्स के मुकाबले ज्यादे अच्छी तरह से और दूर तक देख सकते हैं। फॉग लैंप को बंपर के नीचे लगवाना बेहतर होगा। इससे इसकी लाइट सड़क के करीब रहती है और घने कोहरे में साफ देखने में मदद करती है। फॉग लैंप के साथ हेड लाइट्स भी जलाए रखें। बाजार में सौ रुपये से लेकर 10 हजार रुपये तक फॉग लैंप उपलब्ध है। बेहतर फॉग लैंप का ही प्रयोग करें।

गाड़ी के आगे पीछे लगवाएं रेडियम स्टीकर

गाड़ी के आगे-पीछे रेडियम स्टीकर लगाकर भी कोहरे में हादसे से बचा जा सकता है। रेडियम स्टीकर थोड़ी सी भी रोशनी पड़ने पर दूर तक चमकता है। इससे आगे या पीछे से आने वाले दूसरे वाहन चालक को आपकी गाड़ी की मौजूदगी का पता चल जाएगा। वाहनों में लगाने के लिए बाजार में काफी कम कीमत पर बेहतर किस्म के रेडियम स्टीकर उपलब्ध हैं।

हॉर्न और लाइट भी ठीक रहना आवश्यक

कोहरे में निकलने से पहले गाड़ी का हार्न जरूर चेक कर लें। घने कोहरे में चलते समय हेडलाइट्स से दूर तक नहीं दिखाई देता है, लेकिन हॉर्न बजाने से आगे-पीछे चलने वाले वाहनों के चालकों को आपकी गाड़ी की मौजूदगी का पता चल जाता है। इसके अलावा डे टाइम रनिग लाइट्स भी कोहरे में चलने के लिए जरूरी है। यह सफेद और काफी चमकीली होती है। बीएस फोर मॉडल की गाड़ियों में यह लाइट कंपनी से ही लगी होती है। पुरानी गाडिय़ों में भी इसे आसानी से लगवाया जा सकता है।

कोहरे में चलने लायक क्या-क्या इंतजाम करें

कुहासे के मौसम में चूंकि दृश्यता बहुत ही कम होती है इसलिए वाहन की गति हर्गिज तेज नहीं होनी चाहिए। कम व नियंत्रित होनी चाहिए, ताकि आगे की गतिविधियों के बारे में समय रहते जानकारी हासिल हो जाए। अगर सड़क के किनारे कोई भारी वाहन खड़ा है तो पीछे वाला ड्राइवर उसे देखकर अपनी गाड़ी को आसानी से नियंत्रित कर सकेगा जबकि सड़क के किनारे वाहन में भी आगे तथा पीछे दोनों ओर इंडीकेटर जलता रहना चाहिए।

यातायात नियमों की जानकारी

सड़क सुरक्षा के तहत हाईवे पर ट्रक अथवा किसी भी भारी वाहन को खड़ा नहीं किया जा सकता है। अगर बिना किसी खास वजह के भारी वाहन सड़क के किनारे खड़े किए जाते हैं, तथा ट्रैफिक पुलिस की नजर उस पर पड़ने पर उक्त वाहन के खिलाफ ट्रैफिक नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाती है। इसी तरह से सरिया भी ट्रक से एक से डेढ़ फीट बाहर नहीं निकलना चाहिए। इससे ज्यादा बाहर निकलने व निकले वाले भाग पर कपड़े नहीं बांधना नियम के खिलाफ है। ऐसी स्थिति में पकड़े जाने पर कार्रवाई की जाती है। इसलिए लोगों को चाहिए कि वाहन हमेशा नियंत्रण में चलाएं। सुरक्षित चलाएं। सुरक्षा के समस्त पैमाने अपनाएं।

वाहनों के नए फीचर समझिए

वाहन एजेंसी मैनेजर शोभित ने बताया कि दुर्घटनाओं को कम करने के लिए दोपहिया वाहनों और चार पहिया वाहनों के लिए कई सेफ्टी फीचर लागू हैं, जिनमें एंटी लॉक ब्रेकिग सिस्टम, एयर बैग, मैन्युअल सेंट्रल लॉकिग सिस्टम, सख्त क्रैश टेस्ट मानक, तेज रफ्तार पर ड्राइवर को सतर्क करने जैसे सिस्टम हैं।

मदद के लिए करें डायल

एनएचएआइ की ओर से हाईवे पर सड़क हादसों की सूचना देने, उनके संचालन एवं रखरखाव संबंधित शिकायतों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर टोल फ्री नंबर 1033 लांच किया गया है। इसका मकसद तुरंत मदद मुहैया कराना, हादसे के पीड़ित को बचाना और उसे करीबी अस्पताल में ले जाना है। एनएचएआइ के परियोजना निदेशक पुरुषोत्तम लाल चौधरी ने बताया कि दुर्घटना की स्थिति में तत्काल मदद मुहैया कराने के लिए हाईवे के आधार पर टोल फ्री मोबाइल नंबर जारी किए गए हैं। इन पर फोन मिलाते ही संबंधित हाईवे पर स्थित टोल प्लाजा से तत्काल मदद मिलेगी।


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