Move to Jagran APP

शहीदी दिवस पर भी लोगों को याद नहीं आया बलिदान

अनिल द्विवेदी भोगनीपुर देश की रक्षा व संप्रभुता के लिए मैंने प्राणों की बाजी लगाकर दुश्मन को

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Sep 2020 12:14 AM (IST)Updated: Fri, 11 Sep 2020 12:14 AM (IST)
शहीदी दिवस पर भी लोगों को याद नहीं आया बलिदान
शहीदी दिवस पर भी लोगों को याद नहीं आया बलिदान

अनिल द्विवेदी, भोगनीपुर

loksabha election banner

देश की रक्षा व संप्रभुता के लिए मैंने प्राणों की बाजी लगाकर दुश्मन को धूल चटाई। अपने देशवासियों के लिए मैं पूरी बहादुरी से लड़ा, लेकिन यह नहीं पता था कि मुझे ही लोग धीरे धीरे भूला देंगे और ऐसा भी दिन आएगा कि मेरे शहीदी दिवस पर भी याद नहीं किया जाऊंगा। शायद कुछ ऐसा ही भोगनीपुर चौराहे पर लगी वीर अब्दुल हमीद की प्रतिमा गुरुवार को सोच रही थी। पूरा दिन बीत गया, लेकिन प्रतिमा की साफ-सफाई तो दूर कोई दो फूल तक उन्हें चढ़ाने नहीं आया। अपने ही शहीदी दिवस पर वह भुला दिए गए।

अमर शहीद वीर अब्दुल हमीद को कौन नहीं जानता। जिनके नाम से दुश्मन आज भी खौफ खा जाते हैं। 10 सितंबर 1965 को भारत-पाक युद्ध में अद्भुत शौर्य का प्रदर्शन करते हुए खेमकरण सेक्टर में शत्रु के तीन पैटर्न टैंकों नष्ट करने के बाद वह वीरगति को प्राप्त हुए। उनकी याद में ही 18 दिसंबर 2000 को प्रदेश सरकार की तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री प्रेमलता कटियार ने तत्कालीन अम्बेडकर ग्राम्य विकास एवं सेवायोजन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार राधेश्याम की अध्यक्षता में एक समारोह आयोजित कर भोगनीपुर चौराहा का नामकरण अमर शहीद अब्दुल हमीद चौक के नाम से किया गया था। इसके बाद लोग उन्हें और भी याद करें, इसके लिए 18 अगस्त 2001 को चौराहे पर स्थित अब्दुल हमीद चौराहा के बीच भारत सरकार के तत्कालीन संचार मंत्री रामविलास पासवान ने वीर अब्दुल हमीद की प्रतिमा का अनावरण किया था। कई वर्षो तक शहीद अब्दुल हमीद के शहीदी दिवस पर राजनीतिक व जनता के लोग माल्यार्पण कर शहीद दिवस मनाते रहे। गुरुवार को उनके शहीदी दिवस पर प्रतिमा को दो फूल भी नसीब नहीं हुए। सुबह से शाम हो गई, लेकिन कोई भी यहां उन्हें याद करने नहीं आया। चौराहे पर उनकी प्रतिमा व उसके आसपास सफाई तक नहीं की गई। अमरौधा के खंड विकास अधिकारी भगवान सिंह चौहान ने बताया कि चौराहे पर अमर शहीद वीर अब्दुल हमीद की प्रतिमा स्थापित होने की जानकारी नहीं है। जिसके चलते सफाई व माल्यार्पण नहीं कर सका।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.