शिव धनुष टूटते ही क्रोधित हो उठे परशुराम
संवाद सहयोगी सिकंदरा क्षेत्र के जफरापुर गांव की काली माता मंदिर परिसर मैदान में होली अ
संवाद सहयोगी, सिकंदरा : क्षेत्र के जफरापुर गांव की काली माता मंदिर परिसर मैदान में होली अष्टमी के उपलक्ष्य में एक दिवसीय रामलीला का आयोजन किया गया। जहां धनुष भंग व सीता स्वयंवर का मंचन किया गया और लोगों ने इसका आनंद लिया।
मंचन में राजा जनक के दरबार में आयोजित सीता स्वयंवर में दूर दूर से आए राजाओं ने जिस समय रखे वहां शिव धनुष को हिला तक न सके तो राजा जनक चिता में डूब गए कि अब बेटी का विवाह कैसा होगा। तभी गुरु विश्वामित्र जी की आज्ञा पाकर भगवान श्रीराम ने उस धनुष को उठाया कि वह दो टुकड़ों में टूट गया। इससे वहां खुशियां छा गईं और मां सीता ने वरमाला भगवान के गले में डाली। उसी समय क्रोधित होकर वहां परशुराम पहुंच गए। टूटे हुए शिव धनुष को देखकर वह ऐसा करने वाले का विनाश करने की बात कहने लगे। इस पर लक्ष्मण जी का उनसे तीखा संवाद भी हुआ। उसी समय प्रभु श्री राम जी याचना करते हुए बोले नाथ शंभू धनु भंजि निहारा हुई है किहु एक दास तुम्हारा, लेकिन परशुराम जी का क्रोध शांत होने की बजाय और बढ़ गया कहने लगे भगवान शिव का धनुष तोड़ने वाला वह मेरा कभी दास नहीं हो सकता। कुछ देर में उन्हे भगवान श्रीराम के असली स्वरूप का पता चला तो वह उन्हें नमन कर वहां से चले गए। इस दौरान कृष्ण स्वरूप पांडेय, अवधेश पांडेय, आशीष कटियार व शुभम पाल मौजूद रहे।