रामलीला के पहले दिन भक्तों ने देखा नारद मोह
संवाद सहयोगी रसूलाबाद धर्मगढ़ बाबा मंदिर परिसर में रामलीला कार्यक्रम के पहले दिन नारद मोह
संवाद सहयोगी रसूलाबाद : धर्मगढ़ बाबा मंदिर परिसर में रामलीला कार्यक्रम के पहले दिन नारद मोह लीला का मंचन किया गया। थानाध्यक्ष ने गणेश पूजन कर लीला का शुभारंभ किया। शारीरिक दूरी का पालन कर दर्शकों ने लीला मंचन का आनंद लिया।
कामदेव को जीत लेने से अहंकार में डूबे नारद की परीक्षा लेने के लिए भगवान ने अपनी माया का विस्तार कर एक नगर का निर्माण किया और उसमें अछ्वुत रूपवती राजा शीलनिधि की पुत्री को रचा। जिसे पाने के लिए नारद ने भगवान से कहा जेहि विधि होय नाथ हित मोरा, करहु सो बेगि दास मैं तोरा.. तब भगवान ने नारद से कहा कि जेहि विधि होइहि परम हित नारद सुनहु तुम्हार, सोइ हम करब न आन कछु वचन न मृषा हमार..उसके बाद नारद को कुरूप बनाकर भगवान ने उनका विवाह नहीं होने दिया। इससे क्षुब्ध होकर नारद ने कहा कि प्रभु को श्राप दे दिया, लेकिन बाद में ज्ञान होने पर वह भगवान के चरणों पर गिर पड़े और क्षमा मांगी।