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छापेमारी के बाद भी नहीं थम रहा मिलावटी तेल का कारोबार

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : जिले में छापा मार अभियान के बाद भी मिलावटी तेल के कारोबा

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 01:21 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 01:21 AM (IST)
छापेमारी के बाद भी नहीं थम  रहा मिलावटी तेल का कारोबार
छापेमारी के बाद भी नहीं थम रहा मिलावटी तेल का कारोबार

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : जिले में छापा मार अभियान के बाद भी मिलावटी तेल के कारोबार पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में मिलावटी तेल तैयार करने व भंडारण में कारोबारी जुटे हुए हैं। हालात यह है कि बिना लाइसेंस के तेल कारखानों का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है और खुलेआम बिक रहा मिलावटी तेल लोगों की सेहत बिगाड़ रहा है।

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मिलावटी खाद्य तेल से ड्राप्सी के खतरे की संभावना के चलते शासन ने खाद्य तेलों में मिलावट रोकने के लिए तेल बनाने, भंडारण करने व बिक्री करने वालों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इसके बाद से खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा स्पेलरों, परचून की दुकानों व खाद्य तेल प्रतिष्ठानों में औचक निरीक्षण व छापा मार कार्रवाई की जा रही है। पिछले बीस दिनों में खाद्य टीम ने अलग अलग स्थानों पर छापेमारी कर खाद्य तेल के नौ नमूने संकलित किए। मिलावट के संदेह में 750 लीटर सरसों का तेल व एक स्पेलर पर रखा पांच ड्रम राइसब्रान ऑयल सीज कर दिया। सोमवार को राजपुर कस्बे के एक तेल कारोबारी के गोदाम पर छापा मारकर बिना लाइसेंस खाद्य तेल व पाउडर का भंडारण पकड़ा। कारोबारी को नोटिस देकर तीन दिन में पंजीकरण व भंडारण संबंधी अभिलेख तलब किए गए हैं। खाद्य टीम की छापेमारी के बाद भी अवैध कारोबारी मिलावटी खाद्य तेल बाजारों में बिक्री कर कमाई में जुटे हुए हैं। हालात यह है कि जिले में सौ से अधिक स्पेलर कारखाने संचालित हैं। इनमें से करीब दो दर्जन से अधिक संचालक तेल पिराई के साथ बिक्री भी करते हैं। बावजूद इसके जिम्मेदार बिना लाइसेंस तेल का कारोबार कर रहे स्पेलर संचालकों के प्रति उदासीन बने हैं।

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कैसे करते हैं मिलावट

पहले सरसों के तेल में धान की भूसी का तेल मिलाया जाता था लेकिन अब पाम आयल मिलाया जाता है। पाम आयल तेल से सस्ता होने के कारण दुकानदार को अधिक मुनाफा हो जाता है। इसमें ग्लिसरीन व केमिकल रंग मिलाए जाने के साथ सरसों के तेल में झरफ यानी तीखी खुशबू पैदा करने के लिए केमिकल वाले सेंट मिलाए जाते हैं। यमुना सेंगुर तटवर्ती गांवों में बड़े पैमाने पर भटकटैया (आर्जीमोन) की पैदावार होती है। इसके दाने को लाही के साथ पेराई के बाद तैयार तेल जानलेवा भी हो सकता है।

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हानिकारक है मिलावटी तेल

अपर सीएमओ डा. वीवी ¨सह का कहना है कि मिलावटी केमिकल युक्त तेल से लीवर व किडनी पर प्रतिकूल असर पड़ता है। आर्जीमोनयुक्त तेल से ड्राप्सी जैसी बीमारी का खतरा रहता है, जो जानलेवा भी हो सकती है।

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मिलावटी तेल से हुई मौतें

वर्ष 2008 ल,में मिलावटी खाद्य तेल से बरौर में ड्राप्सी से युवक की मौत हो गई थी। तत्कालीन डीएम के निर्देश पर संकलित तेल के नमूने में आर्जीमोन की मिलावट की पुष्टि हुई थी। इसके बाद संबंधित कारोबारी के खिलाफ कोर्ट में मामला दाखिल हुआ था, जो कानूनी पेचीदगी के चलते विचाराधीन है।

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मिलावटी खाद्य पदार्थो की बिक्री रोकने को छापामार कार्रवाई की जाती है। विभाग ने अकबरपुर के 12, भोगनीपुर के 7, डेरापुर के 8, सिकंदरा के 5, सरवनखेड़ा के 7, रसूलाबाद के 5 व मैथा के 7 स्पेलरों का चिह्नांकन किया है। बरौर के अर्जीमोन मिलावट की पुष्टि का मामला कोर्ट में लंबित है। इस माह तेल के नौ नमूने संकलित कर परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। नमूनों की परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद अग्रिम कार्रवाई होगी।

- आरके गुप्ता, अभिहित अधिकारी खाद्य एवं औषधि प्रशासन


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