घाटमपुर नहर पानी बिना वीरान पड़ी
घाटमपुर नहर पानी बिना वीरान पड़ी
संवाद सूत्र, रनियां (कानपुर देहात): तेज धूप से जहां पशु पक्षी बेहाल हैं तो वहीं पानी को लेकर संकट कम होने के बजाय बढ़ता जा रहा है। क्षेत्र में खेती किसानी से लेकर पशुओं को पीने के पानी का एक मात्र जरिया घाटमपुर नहर भी वीरान पड़ी हुई है। इसमें पानी न आने से किसानों के हाल भी खराब हैं।
उड़द, मूंग, खरबूजा के साथ इस समय किसानों के पास सब्जी का धंधा भरपूर है। इन हरी सब्जियों के साथ जानवरों के लिए हरा चारा भी खेतों में तैयार है। इन्हें पानी का सहारा मात्र बंबा ही है। कुछ किसान किसी तरह व्यवस्था करके थोड़ी बहुत सिचाई कर पा रहे हैं, लेकिन ऐसी तेज धूप व गर्मी से उन आवारा पशु पक्षियों के लिए मुसीबत आ खड़ी हुई है। जंगलों में विचरने वाले पशु व पक्षी नदियों, बंबा, तालाबों आदि के सहारे ही अपना जीवन यापन करते हैं। पर इन दिनों घाटमपुर नहर सूखी पड़ी होने से समस्या और विकराल है। इससे तालाबों में पानी नहीं भर पा रहा है। घाटमपुर नहर के किनारे करीब तीन हजार बीघा जमीन सिचित होती है। करीब डेढ़ सौ गांव हैं। इन सभी का सहारा यही घाटमपुर नहर ही है। किसान अपनी फसल को तैयार करके ऐसे लोग डाउन में जीवन यापन कर रहे हैं। इस समय हरी सब्जी का उत्पादन ही उनके लिए एक अहम जरिया है जो भरण पोषण के लिए बहुत मायने रखता है। किसान नवाब सिंह, रामप्रकाश, बलवीर यादव, पुत्तन यादव आदि कहते हैं कि यदि नहर में पानी नहीं आया तो गर्मी में फसल भी सूख जाएंगी। नहर विभाग के जेई दिनेश यादव ने बताया कि लगभग दो हफ्ते तक पानी नहीं आ पाएगा।