आंगनबाड़ी केंद्रों में मनमानी का आलम, कहीं सूने हुए आंगन तो कहीं लटकते दिखे ताले
आंगनबाड़ी केंद्रों में मनमानी का आलम कहीं सूने हुए आंगन तो कहीं लटकते दिखे ताले
संवाद सहयोगी, भोगनीपुर: मलासा ब्लॉक के आंगनबाड़ी केंद्रों में मनमानी का आलम है। अधिकांश केंद्रों पर बच्चे नहीं आ रहे तो कहीं आंगनबाड़ी केंद्रों में ताले लटक रहे हैं।
मलासा ब्लॉक के सनायाखेड़ा गांव में प्राथमिक विद्यालय परिसर में बने अतिरिक्त कक्षा कक्ष में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र प्रथम में ताला लटक रहा था। प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सुनीता ने बताया कि आंगनबाड़ी कर्मचारी आज नहीं आई हैं। जिससे केंद्र में ताला बंद है। इसी गांव के सामुदायिक मिलन केंद्र के कमरे में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र द्वितीय में सहायिका फूलश्री मौजूद थीं, लेकिन केंद्र पर कर्मचारी मंजू किरण व बच्चे नदारत थे। सहायिका फूलश्री ने बताया कि कर्मचारी मंजू किरण सीडीपीओ कार्यालय डींघ गई हुई हैं। केंद्र पर 15 बच्चे आये थे जो घर चले गये। इसी ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय अनंतरामपुर परिसर में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र में कर्मचारी भगवानदेई व सहायिका सुधा देवी मौजूद थीं, लेकिन केंद्र पर पंजीकृत 60 बच्चों में एक भी बच्चा मौजूद नहीं था। केंद्र की कर्मचारी भगवानदेई ने बताया कि 23 बच्चे आये थे, जो घर चले गए हैं।
उन्होंने बताया कि मई माह से पोषाहार की आपूर्ति न होने के कारण बच्चों को वितरण नहीं हो सका है। इसी कारण बच्चे केंद्र पर नहीं आ रहे हैं। इसी ब्लॉक के आंगनबाड़ी केंद्र जुरावरपुर में सहायिका सीता देवी व मात्र एक बच्चा मौजूद था। सहायिका सीता देवी ने बताया कि कर्मचारी शीला देवी आज नहीं आई हैं। केंद्र पर 46 बच्चे पंजीकृत हैं। 17 बच्चे आये थे, जिनमें 16 घर चले गए हैं। मलासा ब्लॉक के सीडीपीओ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर हर माह पोषाहार भेजा जा रहा है। केंद्रों पर कर्मचारी, सहायिकाओं व बच्चे न आना और केंद्रों पर ताला बंदी होना गंभीर मामला है। लापरवाह कर्मचारी व सहायिकाओं से स्पष्टीकरण तलब कर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।