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खानचंद्रपुर पहुंची एनजीटी की टीम, पानी के नमूने भरे

अकबरपुर ब्लॉक के खानचंद्रपुर गांव में मंगलवार को एनजीटी (राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) की टीम पहुंची। यहां टीम पानी के आधा दर्जन से अधिक नमूने संकलित किए। इसके साथ ही डंप स्थल का निरीक्षण किया। एनजीटी टीम के सदस्यों ने स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को तीन माह में यहां रहने वाले हर व्यक्ति की स्वास्थ्य समस्या का सर्वे करने को कहा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 12:14 AM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 06:19 AM (IST)
खानचंद्रपुर पहुंची एनजीटी की टीम, पानी के नमूने भरे
खानचंद्रपुर पहुंची एनजीटी की टीम, पानी के नमूने भरे

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: अकबरपुर ब्लॉक के खानचंद्रपुर गांव में मंगलवार को एनजीटी (राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) की टीम पहुंची। यहां टीम पानी के आधा दर्जन से अधिक नमूने संकलित किए। इसके साथ ही डंप स्थल का निरीक्षण किया। एनजीटी टीम के सदस्यों ने स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को तीन माह में यहां रहने वाले हर व्यक्ति की स्वास्थ्य समस्या का सर्वे करने को कहा। प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अफसरों से ओवर हेड टैंक से जलापूर्ति के विकल्प पर वार्ता की।

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खानचंद्रपुर गांव में भूजल दूषित है। हैंडंपप से पीना पानी निकलता है। क्रोमियम युक्त पानी होने की वजह से यहां रहने वाले लोगों को हड़्डी की समस्या से जूझना पड़ रहा है जबकि अन्य दिक्कतें भी बनी है। हालात ये हैं कि कई परिवार गांव छोड़कर चले गए हैं। यहां जल निगम की पुरानी टंकी बंद पड़ी है। नये सिरे से डीप बोरिग कराई गई थी लेकिन बजट के अभाव में गांव की जलापूर्ति नहीं हो सकी। भूजल दूषित होने व लोगों में आ रहे दुष्प्रभाव को लेकर एनजीटी के सदस्य मंगलवार को यहां पहुंचे। टीम के सदस्यों ने यहां लगे हैंडपंपों से पानी निकाल कर देखा। हाईवे के दोनों तरह के जल स्त्रोत की पड़ताल के बाद छह पानी के नमूने संकलित किए गए। यहां डंप स्थल पर एकत्र क्रोमियम स्टाक देखा। बाद में टीम ने गांव के लोगों से पूछताछ भी की। यहां लोगों ने उन्हें बताया कि पीने के पानी की वजह से उल्टी हो जाती है। सांस की दिक्कत तथा त्वचा संबंधी बीमारी के बारे में कई ग्रामीणों ने उन्हें बताया। इसके साथ ही हड्डी संबंधित बीमारी से प्रभावित लोगों को भी टीम ने देखा। एनजीटी के सदस्यों ने जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. महेंद्र जतारया को निर्देशित किया कि तीन माह के अंदर गांव में रहने वाले लोगों में किस किस तरह की स्वास्थ्य समस्या आ रही है इसका सर्वे कराने को कहा। इसके साथ ही प्रदूषण नियंत्रण विभाग के आनंद कुमार व सतेंद्र यादव से गांव में ओवर हेड से जलापूर्ति के विकल्प पर विमर्श किया।


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