सीसीटीवी की निगरानी में होगा मूल्यांकन
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : जनपद में शनिवार से यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिए
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : जनपद में शनिवार से यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन सीसीटीवी कैमरे तथा एलआइयू की निगरानी में शुरू होगा। जिसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। 1834 परीक्षक दो केंद्रों पर बोर्ड की 6.74 लाख कापियां जांचेंगे।
जिला विद्यालय निरीक्षक अरविंद कुमार द्विवेदी ने बताया कि मूल्यांकन केंद्रों पर अब तक बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाएं आ रही हैं। मूल्यांकन शनिवार से शुरू होगा। मूल्यांकन केंद्र अकबरपुर इंटर कॉलेज में 4.24 लाख उत्तर पुस्तिकाओं का एलाटमेंट किया गया है, जो धीरे-धीरे केंद्र पर भेजी जा रही हैं। वहीं राजकीय बालिका इंटर कालेज पुखरायां में 2.50 लाख कापियां जांची जाएंगी। अकबरपुर इंटर कालेज में कापियां जांचने के लिए 77 उपप्रधान परीक्षक व 732 परीक्षक तैनात किए गए हैं। जीजीआइसी पुखरायां में 97 उपप्रधान परीक्षक एवं 928 परीक्षक रहेंगे। डीआइओएस ने शुक्रवार को निरीक्षण कर सफाई, पेयजल व प्रकाश व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया, मूल्यांकन कार्य सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में होगा। शासन से इस बार मूल्यांकन केंद्र के आसपास सादी वर्दी में पुलिस कर्मी तथा एलआइयू को तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए एसपी को पत्र भेजा गया है।
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एक दिन में 50 से अधिक कापियां नहीं जांच सकेंगे
उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए कापियों की संख्या निश्चित कर दी गई है। शिक्षक एक दिन में 50 कापियां ही चेक कर सकते हैं। समय सीमा भी निर्धारित की गई है। 17 से शुरू हो रहा मूल्यांकन 15 दिनों में पूरा करना आवश्यक है। डीआइओएस ने बताया कि जो परीक्षक मूल्यांकन कार्य में लापरवाही बरतेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वेबसाइट पर रोज अपलोड होगी सूचना
मूल्यांकन में इस बार परीक्षकों की हीलाहवाली नहीं चल सकेगी। डीआइओएस ने बताया कि शासन ने स्पष्ट गाइडलाइन भेजी है कि केंद्रों पर हर रोज मूल्यांकन के बाद शिक्षकों की उपस्थिति तथा कापियों के मूल्यांकन की सूचनाएं परिषद की वेबसाइट पर शाम को अपलोड करनी होंगी। जिससे मूल्यांकन से नदारद रहने वाले परीक्षकों की उपस्थिति पता चल सके।
बहिष्कार से मूल्यांकन पर संकट
यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का वित्तविहीन शिक्षकों द्वारा बहिष्कार करने के एलान से केंद्रों पर अव्यवस्था फैलने के आसार बन गए हैं। बड़ी संख्या में वित्तविहीन शिक्षकों के परीक्षक बनाए जाने से 15 दिनों में मूल्यांकन खत्म करना बड़ी चुनौती है।