मिलावट का खेल, मुनाफे के फेर में सेहत से सौदा
दीपावली पर मिलावट का बाजार गर्म अधिक कमाई करने के लिए हो रहा गड़बड़झाला
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: दीपावली का त्योहार नजदीक देख मिलावटी खाद्य तेल के कारोबारी सक्रिय हो गए हैं। बिना पंजीकरण के संचालित हो रहे अधिकांश स्पेलरों पर मिलावटी तेल का खेल धड़ल्ले से शुरू हो गया है। खुला तेल भी बिक्री होने से सेहत बिगड़ने का खतरा बना है।
त्योहार नजदीक आते ही खाद्य तेलों की मांग बढ़ने की संभावना के चलते मिलावटी तेल कारोबारी सक्रिय हो गए हैं। मौजूदा समय में जिले में करीब सौ स्पेलरों पर तेल पिराई व मिलावटी खाद्य तेल तैयार करने का काम हो रहा है। हालात ये हैं कि जिम्मेदार बिना लाइसेंस तेल कारोबार करने वालों के प्रति उदासीन हैं। इसका फायदा लेकर खाद्य तेल में मिलावट की जा रही है। सरसों के तेल में(राइसब्रान) धान की भूसी का तेल बहुतायत में मिलाया जाता था। अब पाम ऑयल मिलाया जाता है। पाम आयल तेल से सस्ता होने से दुकानदार को अधिक मुनाफा होता है। राइसब्राउन ऑयल का भी नकली सरसों का तेल बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। इन तेलों में रंग, खुशबू और मिर्च का अर्क, सिथेटिक एलाइल आइसोथायोसाइनेट, प्याज का रस व फैटी एसिड की मिलावट करते हैं। ऐसे कर सकते हैं पहचान
खाने में सरसों के तेल का स्वाद तीखा व कड़वा होता है। मिलावटी तेल, खासकर पामोलिन मिले तेल को फ्रिज में रखने पर वनस्पति की तरह जमने लगता है। शुद्ध सरसों का तेल जमता नहीं है। जांचने के लिए तेल के नमूने में गाढ़ा यानी सांद्र नाइट्रिक एसिड मिलाकर मिश्रण को खूब हिलाएं। थोड़ी देर बाद मिश्रण में अगर लाल-भूरे रंग की परत दिखाई दे, तो यह मिलावटी होने का संकेत है। हानिकारक है मिलावटी तेल
मिलावटी सरसों तेल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। सीएमओ डा. हीरा सिंह के अनुसार केमिकल व ग्लिसरीन युक्त तेल से लीवर संबंधी रोग की आशंका रहती है। मिलावटी तेल में मिले हानिकारक तत्व एल्डीहाइट, पालीमर्स आदि बेहद नुकसानदेह हैं। फैटी एसिड हृदय की धमनियों में जमता है इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। रसायन युक्त तेल लंबे समय तक इस्तेमाल करने से स्वशन तंत्र भी प्रभावित होता है। मिलावटी खाद्य पदार्थों पर रोक के लिए अभियान चलाया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा टीमें बराबर छापेमारी कर नमूने भर रही हैं। स्पेलरों से भी तेल का नमूना लिया गया है। जांच रिपोर्ट के अनुसार आगे की कार्रवाई होगी।
-आरके गुप्ता, अभिहित अधिकारी, खाद्य एवं औषधि प्रशासन