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मकनपुर दरगाह में मलंगों ने किया शग्ले दम्माल और जायरीनों ने चढ़ाई चादर

संवाद सहयोगी, बिल्हौर: मकनपुर स्थित सैयद बदीउद्दीन ¨जदाशाह मदार की दरगाह पर आयोजित सालाना

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 07:43 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 07:43 PM (IST)
मकनपुर दरगाह में मलंगों ने किया शग्ले दम्माल और जायरीनों ने चढ़ाई चादर
मकनपुर दरगाह में मलंगों ने किया शग्ले दम्माल और जायरीनों ने चढ़ाई चादर

संवाद सहयोगी, बिल्हौर: मकनपुर स्थित सैयद बदीउद्दीन ¨जदाशाह मदार की दरगाह पर आयोजित सालाना उर्स के दूसरे दिन कश्ती आने के बाद मलंगों ने दम मदार बेड़ा पार की गूंज के साथ सदर सज्जादानशीं के सामने शग्ले दम्माल किया। इस दौरान दरगाह में जायरीनों की भीड़ उमड़ती रही। सुबह से ईशन नदी में स्नान के बाद जायरीनों ने दरगाह शरीफ पर चादर चढ़ाकर मन्नत मांगी। मकनपुर स्थित सैयद बदीउद्दीन ¨जदाशाह मदार की दरगाह पर आयोजित सालाना उर्स के दूसरे दिन बुधवार को दिन भर जायरीनों की भीड़ उमड़ती रही। जायरीनों ने ईशन नदी में गुश्ल स्नान करने के बाद दरगाह शरीफ पर मत्था टेका और चादर चढ़ाकर मन्नत मांगी। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शाम साढ़े चार बजे जसौली कन्नौज से बाबा अली बहादुर पारंपरिक ढंग से सिर पर कश्ती रखकर दरगाह शरीफ आए और इसके बाद दम्माल शरीफ पहुंचे। जहां ¨जदाशाह मदार की दरगाह के सदर सज्जादानशीं सैयद मुजीबुल बांकी की गोद में कश्ती रखी। इसके बाद दूर दराज से आए मलंगों ने बादशाह और दरगाह के सज्जादानशीं के सामने अपने बालों को खोलकर शग्ले दम्माल किया। इसको देखने के लिये बड़ी संख्या में जायरीनों की भीड़ दरगाह शरीफ में मौजूद रही। इसके बाद सज्जादानशीं ने दरगाह मे हाजिरी लगायी। वहीं जायरीनों का दरगाह शरीफ में मत्था टेकने और चादर चढ़ाने का सिलसिला रात तक चलता रहा। मजाहिर हुसैन जाफरी, शब्बन खां, मजहर खां ने बताया कि बुधवार की रात दरगाह शरीफ में जलसे का आयोजन किया जायेगा। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिसबल के साथ उर्स इंतजामिया कमेटी के वालंटियर सुरक्षा व्यवस्था की देखरेख में लगे रहे।

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जर्मनी के साथ अन्य देशों से आये जायरीन मदार साहब के जीवन पर शोध कर रही जर्मनी की मरियम रैकी ने भी दरगाह शरीफ में जियारत कर लोगों से बातचीत की। वहीं श्रीलंका से आये जब्बार ने भी लोगों से बातचीत कर मदार साहब की यात्राओं व उनकी उम्र के बारे में जानने का प्रयास किया। बाहर से आये जायरीनों ने दरगाह परिसर स्थित संग्रहालय में रखे मदार साहब के सामानों को भी देखा और वहां के मौलानाओं से इसके बारे में जानकारी प्राप्त की।


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