मनरेगा तालाबों के सत्यापन में खुली पोल
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: वर्षा जल को संरक्षित करने के लिए सरकार ने तालाबों को सह
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: वर्षा जल को संरक्षित करने के लिए सरकार ने तालाबों को सही कराने तथा कुछ नए तालाब बनाने के निर्देश दिए थे। इसमें 125 तालाबों का चयन कर उनकी खोदाई होनी थी। विभिन्न ब्लाकों में खोदे गए तालाबों का जब सत्यापन हुआ तो उसमें मात्र 99 तालाब ही खोदे हुए मिले। अन्य 26 में किसी में अतिक्रमण तो कई अधूरे पाए गए।
बारिश से पूर्व तालाब तैयार करने के लिए मार्च में सहमति बनी थी। मनरेगा से 125 तालाब खोदाई के लिए ब्लाकवार चिह्नित किए गए थे। जून में इन तालाबों की खोदाई शुरू हुई। इधर जून के अंत में मनरेगा से चयनित तालाब खोदाई की समीक्षा हुई तो डीआरडीए ने सत्यापन में मिली गड़बड़ियों का पिटारा खोला। अमरौधा ब्लाक के पनियामऊ में चिह्नित तालाब मौके पर नहीं मिला। सरवनखेड़ा ब्लाक के गजनेर के दो तालाब में भवन व अन्य निर्माण मिला। रसूलाबाद के सिकंदरपुर बिल्हौर में तालाब भूमि पर स्कूल व मंदिर बने मिले। राजपुर ब्लाक के नसीरपुर के तालाब भूमि पर रास्ता मिला। संदलपुर ब्लाक के अमौली तालाब की नक्शे में स्थिति साफ नहीं मिली तो जरौली का तालाब नक्शे में ही नहीं मिला। हवासपुर तालाब पर अतिक्रमण की स्थिति सामने आई। मिर्जापुर के तालाब भूमि पर नाली मिली। मानसून आने के ठीक पहले तालाब खोदाई की ये अड़चने सामने आने पर डीएम ने कड़ी नाराजगी जताई है। स्थलीय निरीक्षण किए बिना ही खोदाई के लिए तालाब चिह्नित करने पर सवाल उठाते हुए सिकंदरा, रसूलाबाद, भोगनीपुर व अकबरपुर एसडीएम को दोषी कर्मियों पर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।
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'मनरेगा से खोदाई के लिए तालाबों के चिह्नीकरण में लापरवाही की बात सामने आई है। संबंधित एसडीएम को जिम्मेदार कर्मियों पर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है।'
-राकेश कुमार ¨सह, डीएम कानपुर देहात।