नियम से चलेंगे तो हादसों से रहेंगे दूर
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: देखने में आता है कि सड़क पर दो पहिया या चार पहिया चलान
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: देखने में आता है कि सड़क पर दो पहिया या चार पहिया चलाने में जहां भी नियमों की अनदेखी हुई वहीं हादसे की आशंका बढ़ जाती है। कभी-कभी जल्दबाजी के चक्कर में लोग चौराहे पर लगे संकेतक, या लाइटों की अनदेखी कर आगे बढ़ जाते हैं। मोड़ पर, स्कूल या आबादी क्षेत्र के अंदर आवागमन के नियमों की जानकारी तक नहीं होती। यही वजह कभी बड़े हादसे का कारण बनती हैं।
मौजूदा समय में वाहन चालक की अनदेखी, असावधानी से ही अधिकांश दुर्घटनाएं हो रही हैं। हाईवे पर बिना नियम के वाहन किनारे खड़े कर देना। सामने जा रहे वाहनों को ओवरटेक करने में जल्दबाजी दिखाना भी बड़े हादसे को निमंत्रण देना होता है। आगे चल रहे वाहन से पीछे आ रहे वाहन की कितनी दूरी है यह स्पीड के हिसाब से देखने में कभी बड़ी चूक होने से हादसा हो जाता है।
इंसेट) नियम का रखें ध्यान
टू व्?हीलर चलाते हों अथवा कार, ट्रक या ट्रैक्?टर सभी के लिए वैलिड ड्राइ¨वग लाइसेंस रखना जरूरी होता है। व्?हीकल एक्ट , 1988 की धारा 3(1) के अनुसार सड़कों पर कोई भी मोटर व्?हीकल चलाने के लिए ड्राइ¨वग लाइसेंस (ष्ठरु) का होना जरूरी है। अगर आपका डीएल किसी भी कारण से खो जाए, तो वाहन चलाने के लिए आपको तुरंत डुप्?लीकेट ड्राइ¨वग लाइसेंस बनवाना चाहिए।
इंसेट) समझ लें प्रक्रिया
ड्राइ¨वग लाइसेंस को प्राप्?त करने की ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया के कारण अब आसानी हुई है। ड्राइ¨वग लाइसेंस न केवल आप वाहन चालने के लाइसेंस के रुप में इस्?तेमाल कर सकते हैं बल्कि आप इसे कई बार पहचान पत्र के रुप में भी इस्?तेमाल कर सकते हैं। लाइसेंस बनवाने के लिए कुछ जरुरी दस्?तावेज आपको साथ में ले जाने होते हैं, जैसे वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट, बिजली या टेलीफोन का बिल, हाउस टैक्?स की रसीद, राशन कार्ड, सरकारी कर्मचारियों को जारी किए गए एड्रेस युक्?त आईडी कार्ड एवं इसके अलावा तहसील या डीएम ऑफिस से जारी किया निवास प्रमाण पत्र आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा जन्?मतिथि प्रमाण के लिए बर्थ सर्टिफिकेट या 10वीं की मार्कशीट आदि। चार पासपोर्ट साइज की कलर फोटो, खुद का पता लिखा खाली रजिस्?टर्ड लिफाफा एवं फिजिकल फिटनेस। अगर एक बार भी लाइसेंस नहीं बनवाया है तो आपको सबसे पहले लर्निंग लाइसेंस मिलेगा। इसके बाद ही परमानेंट बनेगा।
इंसेट) ड्राइ¨वग टेस्?ट
इसके बाद शुरु होगा फिजिकल ड्राइ¨वग टेस्?ट। यानी कि जिस वाहन के लिए भी आपने आवेदन किया है उसका टेस्?ट देना होगा यानी अधिकारी को गाड़ी चलाकर दिखाना होगा। इसके लिए अपना वाहन साथ लेकर जाना होगा।
इंसेट) न फंसे दलालों के फेर में
आरटीओ विभाग के बाहर दलालों की बाजार आम बात है। इसके लिए विभाग ही नहीं बल्कि पूरी प्रक्रिया सवालों के घेरे में रहती है। बिना लेने-देने लाइसेंस हो या कोई गाड़ी को छुड़वाना असंभव है। लेकिन नियमों की जानकारी है तो इनसे बचा जा सकता है।
इंसेट) रखें सावधानी
वाहन चलाते समय चौराहे के संकेत, गाड़ी की रफ्तार, सामने चलने वाले वाहन द्वारा डिपर आदि का पूरा ख्लाल रखें। रात में वाहन चलाते समय नींद न आए इसके लिए सीट के बगल वाले व्यक्ति से बातचीत करते रहें। बीच-बीच में वाहन रोक कर मुंह भी धो सकते हैं।
- इस समय यातायात माह के दौरान लोगों को वाहन कैसे चलाएं, आदि की जानकारी देने के लिए गोष्ठी आदि हो रही हैं, अन्य दिनों में भी जागरूकता कैंप लगते हैं। सुनील दत्त, एआरटीओ कानपुर देहात।