अवैध कब्जों से खंडहर हो गया स्वास्थ्य केंद्र
संवाद सहयोगी, झींझक: बाहर से देखने में किसी पुरानी हवेली सा दिखने वाला यह भवन असल में एक
संवाद सहयोगी, झींझक: बाहर से देखने में किसी पुरानी हवेली सा दिखने वाला यह भवन असल में एक स्वास्थ्य केंद्र है। बना तो था इसलिए कि आसपास गांव के लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिल सके। महिलाओं को बच्चों के टीकाकरण के लिए बाहर न जाना पड़े। पर हुआ और ही कुछ। स्टाफ शुरुआत से ही नदारद रहा तो गांव के लोगों ने इस भवन को मवेशियों का बसेरा बना दिया। कुछ ने घर गृहस्थी का सामान जमा कर लकड़ी कंडे तक भर दिये। अब हालात सभी के सामने है।
संदलपुर ब्लाक के तीन स्वास्थ उपकेंद्रों में अवैध कब्जा होने के कारण वह जर्जर हो गये हैं। परंतु इन्हे देखने वाला कोई नहीं है। टीकाकरण कहां होता होगा इसका अंदाजा हालात देख कर लगाया जा सकता है। ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सेवायें मुहैया कराने के लिये संदलपुर ब्लाक में 18 स्वास्थ्य उपकेंद्रों का निर्माण एक दशक से पूर्व कराया गया था। परंतु देख रेख के अभाव में भटेलिनपुरवा, प्रयागपुर व गहिलापुर गांवों के स्वास्थ्य उपकेंद्रों में आस पास रहने वाले लोगों ने कंडे फूस आदि भर कर दिये हैं। यहां पर रात के समय मवेशी भी बांध दिये जाते हैं। इस तरह से लोगों ने कब्जा कर रखा है। जब ये स्वास्थ्य उपकेंद्र बना है तब से एक भी दिन यहां एएनएम नहीं बैठीं। और इन गांवों के स्वास्थ्य उपकेंन्द्र जर्जर भी हो चुके हैं। परंतु विभाग की नजर इस ओर नहीं जा रही है। हाल ये है कि यहां की एएनएम गांव वालों के दरवाजों पर बैठकर टीकाकरण करती हैं। परंतु विभाग के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। अधीक्षक हवासपुर डाक्टर सिद्धार्थ वर्मा का कहना है कि तीनों स्वास्थ्य उपकेंन्द्र निर्माण के बाद हैंड ओवर नहीं हुये हैं फिर भी एएनएम से जानकारी कर तीनों स्वास्थ्य उपकेंद्रों को कब्जा मुक्त कराया जायेगा।