खेत की बजाय झाड़ियों को ताकत दे रही जिप्सम
संवाद सहयोगी, सिकंदरा: राजपुर ब्लाक परिसर में स्थित कृषि प्रसार कार्यालय के बाहर जिप्सम क
संवाद सहयोगी, सिकंदरा: राजपुर ब्लाक परिसर में स्थित कृषि प्रसार कार्यालय के बाहर जिप्सम की बोरियां सड़ गईं। अफसरों की अनदेखी से जिप्सम खाद के टीले पर झाड़ियां उग गई। अब खेत को उर्वर बनाने को आयी जिप्सम अब झाड़ियों को ताकत दे रही है।
ऊसर व बीहड़ के सुधार के लिए जिप्सम का प्रयोग किया जाता है। इससे खेत की उर्वर शक्ति में इजाफा होता है। खेत की मिट्टी सुधार से फसल उत्पादन में वृद्धि होती है। खेत सुधार के लिए राजपुर ब्लाक में भेजी गई जिप्सम किसानों को वितरित नहीं की गई। अलबत्ता अफसर इस ओर अनदेखी किए रहे। इसकी वजह से जिप्सम की बोरियां सड़-गल गई। बारिश में भीगने से जिप्सम टीले की शक्ल में आ गई। इस पर झाड़ियां उग गई। अब कृषि प्रसार कार्यालय के बाहर जिप्सम के टीले पर उगी झाड़ियां खूब बढ़ रही हैं। जानकारों के अनुसार किसानों को मृदा परीक्षण की रिपोर्ट के आधार पर जिप्सम वितरित की जानी थी। लेकिन उपयुक्त किसानों को जिप्सम का वितरण नहीं किया गया। अनदेखी से खेत को उर्वर करने वाली जिप्सम अब झाड़ियों को ताकत दे रही है। स्थानीय सुरेश कुमार, अनिल व कमलेश आदि ने आरोप लगाया कि विभागीय कर्मियों ने यदि बारिश में जिप्सम बोरियों को ढका होता तो बोरियां सुरक्षित रहतीं। ऐसे में शासन की भूमि सुधार की मंशा पूरी नहीं हुई वहीं किसानों को भी मिट्टी सुधार के लिए निजी तौर पर परेशान होना पड़ रहा है। कृषि प्रसार कार्यालय प्रभारी विनय कुमार ने बताया कि बीज गोदाम में स्थान का अभाव होने की वजह से जिप्सम बोरियां खुले में रखवाई गई थी। अफसरों से जिप्सम सुरक्षा पर कई बार चर्चा हुई पर सही दिशा निर्देश नहीं मिलने से बारिश में जिप्सम खराब हो गई।