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विद्युत तंत्र सुधार अधूरा छोड़ लापता हुई कार्यदायी संस्था

विद्युत तंत्र सुधार अधूरा छोड़ लापता हुई कार्यदायी संस्था

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 01:11 AM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 06:25 AM (IST)
विद्युत तंत्र सुधार अधूरा छोड़ लापता हुई कार्यदायी संस्था
विद्युत तंत्र सुधार अधूरा छोड़ लापता हुई कार्यदायी संस्था

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: जिले के नगरीय निकायों में विद्युत तंत्र सुधार का काम करा रही संस्था बीच में ही लापता हो गई है। हालात ये हैं कि एक भी निकाय में काम पूरा नहीं हो सका है। इसकी वजह से निर्बाध बिजली आपूर्ति में अवरोध बना है। झूलते लटकते तार हादसे को दावत अलग से दे रहे हैं।

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जिले में दो पालिका परिषद पुखरायां व झींझक हैं। सात नगर पंचायतें अकबरपुर, रूरा, अमरौधा, रसूलाबाद, शिवली, सिकंदरा व डेरापुर हैं। इन निकायों को विद्युत तंत्र सुधार के लिए इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम यानी आइपीडीएस योजना में चयनित किया गया था। वर्ष 2014-15 में चयनित इन नौ निकायों में घनी आबादी वाले नगरीय क्षेत्र में कटिया पर रोक व निर्बाध बिजली आपूर्ति प्राथमिकता पर थी। कार्यदायी संस्था मोडर्न ट्रांसफार्मर को काम दिया गया था। विद्युत तंत्र सुधार कार्य कुल 22.41 करोड़ रुपये की लागत से होने थे। एजेंसी ने काम तो कराए लेकिन कई स्थानों पर मानकों की अनदेखी की गई। कई स्थानों पर हाईटेंशन लाइनों के सड़क क्रास पर गारडिग नहीं कराई गई। झुके खंभे नहीं बदले गए हैं। यहां तक की स्टील टयूबुलर पोल लगाकर उनकी आधार सीसी कवर नहीं किए गए। जर्जर तारों को भी भी बदला नहीं जा सका है। सुस्त गति से कराए गए कार्यों से धरातल पर हालात ये हैं कि किसी निकाय में काम पूरा नहीं है। औसत बीस फीसद से अधिक काम बाकी है और कार्यदायी संस्था लापता हो गई है। घट नहीं रहा लाइनलॉस

11 केवी नये फीडर की लगभग 128 किमी. लंबाई की लाइन बिछानी थी। घनी आबादी में 191 किमी. एलटी एरियल बंच कंडक्टर का काम होना था। काम की सुस्ती से घनी आबादी क्षेत्र में एबीसी बिछाने का काम पूरा नहीं हो सका। इससे बिजली चोरी होती है। कई फीडरों पर लाइन लॉस 40 से 50 फीसद तक है। सेमी टर्म पॉलिसी भी बनी बाधा

विद्युत तंत्र सुधार को कुल 142 नये ट्रांसफार्मर रखे गए। हालाकि गारंटी अवधि में ट्रांसफार्मर खराब हुए तो उन्हें बदलवाने की अड़चने बनी रही। कई बार जरूरत के ट्रांसफार्मर भी समय पर नहीं मिले। कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधियों ने दीपावली पर श्रमिकों के घर चले जाने का तर्क दिया है। वर्ष 2018 में ही काम पूरा होना था। जनवरी माह का अल्टीमेटम दिया था। काम अधूरा होने पर भुगतान रोका गया है।

श्रीश कुमार श्रीवास्तव, अधीक्षण अभियंता कानपुर देहात एक नजर में कार्य प्रगति

निकाय कार्य शेष

पुखरायां 30 फीसद

झींझक 20 फीसद

अकबरपुर 20 फीसद

रूरा 20 फीसद

अमरौधा 15 फीसद

रसूलाबाद 20 फीसद

शिवली 20 फीसद

सिकंदरा 20 फीसद

डेरापुर 20 फीसद


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