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मित्रता करो तो कृष्ण सुदामा की तरह: साध्वी सपना

संवाद सहयोगी झींझक गांधी व्यायामशाला में श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन साध्वी सपना ने कृष्

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 05:23 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 05:23 PM (IST)
मित्रता करो तो कृष्ण सुदामा की तरह: साध्वी सपना
मित्रता करो तो कृष्ण सुदामा की तरह: साध्वी सपना

संवाद सहयोगी, झींझक : गांधी व्यायामशाला में श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन साध्वी सपना ने कृष्ण और रुक्मणी के विवाह व सुदामा चरित्र प्रसंग सुनाया।

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उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण के पास जब रुक्मणी ने संदेश भेजा था कि रुक्मणी के घरवाले इनका विवाह कहीं और करना चाहते हैं। तब उन्होंने श्रीकृष्ण से कहा वह उनसे से ही विवाह करना चाहती हैं क्योंकि विश्व में उनके जैसा अन्य कोई पुरुष नहीं है। भगवान श्रीकृष्ण के गुणों और उनकी सुंदरता पर मुग्ध होकर रुक्मणी ने मन ही मन निश्चय किया कि वह श्रीकृष्ण को छोड़कर किसी को भी पति के रूप में वरण नहीं करेंगी। वहीं सुदामा चरित्र में कहा कि कृष्ण और सुदामा जैसी मित्रता आज कहां है। द्वारपाल के मुख से पूछत दीनदयाल के धाम बतावत आपन नाम सुदामा सुनते ही द्वारिकाधीश नंगे पांव मित्र की अगवानी करने राजमहल के द्वार पर पहुंच गए। यह सब देख वहां लोग यह समझ ही नहीं पाए कि आखिर सुदामा में ऐसा क्या है जो भगवान दौड़े दौड़े चले आए। बचपन के मित्र को गले लगाकर भगवान श्रीकृष्ण उन्हें राजमहल के अंदर ले गए बाद में परीक्षित मोक्ष की कथा का वर्णन किया।


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