पकड़े जाने के भय से गायब कर दी गई फाइलें
जागरण संवाददाता कानपुर गलत तरह से जारी हुए असलहा लाइसेंसों में एक की भी फाइल नहीं मिल
जागरण संवाददाता, कानपुर : गलत तरह से जारी हुए असलहा लाइसेंसों में एक की भी फाइल नहीं मिली हैं। अनुमान है कि फर्जी लाइसेंस जारी करने के बाद सुबूत मिटाने के उद्देश्य से फाइलें गायब कर दी गई। अब अनुभाग के लिपिकों के साथ ही लाइसेंस धारक को भी पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
अनुभाग में गलत तरह से 73 बुकलेट जारी हो गई हैं, जबकि 17 बनने की प्रक्रिया में थीं। इनमें प्रशासनिक अधिकारी के हस्ताक्षर हैं। अंदेशा है कि या तो अधिकारी के हस्ताक्षर स्कैन कराए गए हैं या फिर गलत फाइलें दिखाकर हस्ताक्षर लिए गए। दोनों ही बिंदुओं पर पड़ताल की जा रही है। जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत ने बताया कि सीडीओ की प्रारंभिक जांच में अब तक गलत तरह से जारी शस्त्र लाइसेंसों में एक भी फाइल नहीं मिली है।
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48 घंटे में हो जाएगी छुट्टी
तिलक नगर के नर्सिगहोम में भर्ती लिपिक विनीत तिवारी की तबीयत में सुधार हुआ है। इलाज कर रहे डॉ. संजय गुप्ता के मुताबिक 95 फीसद हालत में सुधार हो गया है। 48 घंटे में छुट्टी दी जा सकती है।
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गिरोह के शामिल होने की आशंका
अधिकारियों की मानें तो फर्जीवाड़ा के तरीके से स्टाफ के तार किसी बड़े गिरोह से जुड़ते नजर आ रहे हैं। इसमें और भी लोगों के शामिल होने की आशंका है। पुलिस और क्राइम ब्रांच से पूरा सहयोग लिया जाएगा।
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अन्य अनुभागों की होगी जांच
प्रशासनिक अधिकारियों ने कलेक्ट्रेट के अन्य अनुभागों में भी गुपचुप ढंग से जांच कराने का निर्देश दिया है। उनका मानना है कि इस तरह हस्ताक्षर स्कैन कर वहां भी फर्जीवाड़ा हो सकता है।