अनेकता में एकता ही हमारी पहचान..जगह-जगह दिखा आपसी प्यार व भाईचारा
अनेकता में एकता ही हमारी पहचान..जगह-जगह दिखा आपसी प्यार व भाईचारा
चारुतोष जायसवाल, कानपुर देहात :
'संस्कार और संस्कृति की शान मिले ऐसे
हिदू मुस्लिम और हिदुस्तान मिले जैसे
हम मिलजुल के रहें ऐसे कि मंदिर में
अल्लाह और मस्जिद में राम मिले जैसे।'
शनिवार को अयोध्या मामले में फैसले के दिन कस्बे का नजारा देख यह पंक्तियां जेहन में बरबस ही आ रही थीं। आम दिनों की तरह ही शनिवार सुबह सूरज उगने के बाद जुम्मन मियां अपने घर से निकले और बगल में रहने वाले राकेश मिश्रा को आवाज दी- 'अरे भाई कहां हो, आओ यार चौराहे पर चाय पीने चलते हैं।' इसके बाद दोनों कदमताल करते हुए चाय की दुकान पर बढ़ चले। चाय की चुस्कियों का भरपूर आनंद लिया। अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला भले आना था, लेकिन उन्हें इसकी तनिक भी चिता नहीं थी। उनकी दोस्ती इस बात का सुबूत थी कि कोई भी विवाद हो या कोई भी बात हो, उनकी एकता और भाईचारे पर कभी फर्क नहीं डाल सकती।
कस्बे में जहां भी देखो दुकानें खुली थीं, जरा सा भी नहीं लग रहा था कि भय या कोई तनाव हो। चौराहे व गली नुक्कड़ पर मोबाइल व टीवी पर सभी धर्म के लोगों ने साथ साथ सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुना व देखा। किसी के चेहरे पर तनिक भी शिकन नहीं थी। एक सुर में लोग बोले-चलो भैया अब इस विवाद का अंत हुआ जो हमारे बुजुर्ग लोगों ने देखा व झेला है, वो सब हम नहीं देखना चाहते है। हमने एक दूसरे के साथ बचपन से खेला है। एक दूसरे के घर थाली में साथ खाना भी खाया है। हमने कभी एक दूसरे में भेद करना सीखा ही नहीं। ईद हो या दीवाली, सब साथ मिलकर मनाते हैं।