353 हैंडपंपों का पानी दूषित, मिले हानिकारक जीवाणु
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई यानि मस्तिष्क ज्वर) संभावित प्रभावित ि
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई यानि मस्तिष्क ज्वर) संभावित प्रभावित जिले में जलस्रोतों की जांच के क्रम में अब तक 592 में 353 हैंडपंपों का पानी पीने योग्य नहीं पाया गया है। अब केवल 45 जलस्त्रोत का परीक्षण सर्वे बाकी है।
जिले को जेई (जापानी इंसेफेलाइटिस) व एईएस (एक्यूट इंसेफलाइटिस ¨सड्रोम) संभावित प्रभावित चिह्नित है। पेयजल से जेई व एईएस प्रभावित होने की आशंका को लेकर दस ब्लाकों के पूर्व से चिह्नित 637 हैंडपंपों के पानी नमूने का परीक्षण सर्वे कराया जा रहा है। जल निगम चिह्नित हैंडपंप के पानी का नमूना संकलित कर परीक्षण करा रहा है। जून अंत तक जल निगम से प्राप्त में 368 हैंडपंप की जांच रिपोर्ट में 306 पानी नमूनों की प्रयोगशाला जांच में 209 नमूनों में जीवाणु मिले थे। अब तक 592 जलस्त्रोत की जांच की गई, जिसमें 353 पानी नमूनों में जीवाणु पाए गए हैं। जल निगम के अधिशासी अभियंता एमके ¨सह ने बताया कि अब तक 592 पानी नमूनों की जांच हुई है। 353 पानी नमूनों में हानिकारक जीवाणु मिले हैं, इन हैंडपंपों का पानी पीने योग्य नहीं है।
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239 हैंडपंप का पानी मिला ठीक
कानपुर देहात : जल निगम के परीक्षण सर्वे में दस ब्लाक के 239 हैंडपंप का पानी पीने योग्य पाया गया है। चिकित्सा विभाग के जानकारों की मानें तो सरवनखेड़ा, अकबरपुर, मलासा, अमरौधा, राजपुर व डेरापुर आंशिक जेई संभावित प्रभावित ब्लाक हैं। इस आधार पर हैंडपंप के पानी के जीवाणु पाए जाने से बीमारी की आशंका बनी है। इससे साफ है कि जल में घुलनशील तत्वों में रोगाणुओं का स्तर अधिक है। इस तरह का पानी से स्वास्थ का खतरा है। अधिशासी अभियंता जल निगम एमके ¨सह ने बताया कि रसूलाबाद में 98, अमरौधा में 83, मलासा में 68, अकबरपुर में 60, राजपुर व डेरापुर में 58-58 हैंडपंप का पानी नमूना प्रयोगशाला में जांचा गया है।