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कार्य की सुस्ती हावी, मुंह चिढ़ा रहे खंभे

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: गांवों में विद्युत तंत्र सुधार की पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 08:18 PM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 08:18 PM (IST)
कार्य की सुस्ती हावी, मुंह चिढ़ा रहे खंभे
कार्य की सुस्ती हावी, मुंह चिढ़ा रहे खंभे

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: गांवों में विद्युत तंत्र सुधार की पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में काम की सुस्ती हावी है। हालात ये हैं कि खंभे लगाकर काम रुका है। ऐसे में ठूंठ बने खंभे ग्रामीणों को मुंह चिढ़ा रहे हैं।

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नलकूप फीडर बनाने का काम भी पूरा नहीं हो सका है। ऐसे में शेड्यूल की बिजली फिलहाल सपना बनी है। पं.दीनदयाल उपाध्याय योजना में गांवों के विद्युतीकरण का कार्य जिले में दो एजेंसियां कर रही हैं। हालाकि काम की गति सुस्त है। खंभे लगाने के बाद बीच में काम रोक दिए जाने से समयावधि में इजाफा हो रहा है। गांव बिजली से रोशन होने का लोगों का इंतजार भी बढ़ रहा है। राजपुर ब्लाक के महटौली के मजरा शिवलाल की मड़इया में आठ से काम रुका है। गांव कब रोशन होगा इसको लेकर लोग संशय में हैं। इधर फत्तेपुर के मजरा तकिया में भी विद्युत सुधार फिलहाल नजर नहीं आ रहा है। यहां बल्लियों के जुगाड़ पर ही बिजली का करंट घरों तक पहुंच रहा है। विभाग दो माह में यहां जरूरी सुधार की बात कह रहा है। इधर डेरापुर में नोनारी फीडर व गलुवापुर की अलग विद्युत लाइन बनाने का काम भी अधर में लटका है। लगभग एक वर्ष से खंभे ठूंठ बने लोगों को मुंह चिढ़ा रहे हैं।

नलकूप फीडर बनाने का काम तेज करने के लिए कार्यदायी संस्था को निर्देशित किया गया है। इधर त्योहार को लेकर काम रुका है।जल्द काम शुरू कराकर फीडर कार्य पूरा कराया जाएगा।-श्रीश कुमार श्रीवास्तव, अधीक्षण अभियंता विद्युत

अधूरे नलकूप फीडर, अटकी शेड्यूल की बिजली

जिले में नलकूप के 19 अलग फीडर प्रस्तावित हैं। इसमें 12 फीडर का काम चल रहा है। अलग नलकूप फीडर बनाने की कार्यदायी संस्था मार्शल इंटरप्राइजेज है। काम की सुस्ती से फीडर अधूरे पड़े हैं। ऐसे में फिलहाल नलकूपों को घरेलू फीडर से ही बिजली आपूर्ति हो रही है। लोड अधिक होने से लो वोल्टेज के साथ ट्रि¨पग की समस्या बनी है। इसकी वजह से घरेलू व नलकूप बिजली आपूर्ति में सुधार नहीं हो सका है। ग्रामीण विद्युत आपूर्ति का 18 घंटे का शेड्यूल धड़ाम रहता है।


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