पुलिस को मिला 'गिबी' का साथ, खोजेगी सबूत
जिले को मिला प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड फील्ड यूनिट के साथ काम करेगा
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: जिले की पुलिस को अब वारदात होने पर सुबूत खोजने का नया मददगार मिल गया है। इस मददगार का नाम जिबी है जो एक डॉग स्क्वॉड है। हत्या, लूट, चोरी या फिर डकैती जैसे जघन्य अपराधों में अब इसकी मदद से सुबूत आसानी से जुट सकेंगे। नौ माह की ट्रेनिग के बाद इसे जिले में भेजा गया है।
अब तक जिले में कोई डॉग स्क्वॉड यानी खोजी कुत्ता नहीं था। इसकी वजह से बड़ी वारदात पर कानपुर नगर से डॉग स्क्वॉड मंगवाया जाता था। इसमें होने वाली देरी से कई बार सुबूत खोजने में मुश्किलें पेश आती हैं। अधिक समय होने या फिर अन्य दिक्कतों को लेकर खोजी कुत्ता अक्सर भटक भी जाता था। अपराधियों की धरपकड़ आसान करने को डॉग स्क्वॉड की मांग की गई थी। एसपी की पहल काम आयी और अब जिले को डॉग स्वायड मिला है। गुरुवार को डाबरमैन नस्ल का यह डॉग स्क्वॉड जो एक मादा है माती पुलिस लाइन पहुंच गया। फिलहाल इसे माती पुलिस लाइन में एक अलग बैरिक में रखा गया है। डॉग स्वायड के हैंडलर आरक्षी धर्मपाल सिंह हैं। यही इसकी देखरेख करेंगे। जिबी को धर्मपाल ने ही ट्रेनिग दी है। अब वारदात पर डॉग स्वायड यानी गिबी सुबूत खोजेगी तो पुलिस जल्द अपराधी की धरपकड़ कर सकेगी। जिले को डॉग स्क्वॉड मिला है। इसे फिलहाल पुलिस लाइन में अलग बैरिक में रखा गया है। हैंडलर की ओर से कुछ सुझाव मिले हैं इसको लेकर जल्द जरूरी इंतजाम पूरे कराए जाएंगे। डॉग स्क्वॉड मिलने से घटनाओं में सुबूत खोजने में मदद मिलेगी।
अनुराग वत्स, एसपी कानपुर देहात गिबी है उम्दा ट्रैकर
डॉग स्वायड हैंडलर धर्मपाल सिंह ने बताया कि नेशनल डॉग ट्रेनिग सेंटर पंचकुला, हरियाणा में 8 जनवरी को गिबी के साथ उनकी ट्रेनिग शुरू हुई थी। यह मौजूदा समय के डेढ़ वर्ष की है। हत्या, सुबूत खोज यानी सर्च, लूट व डकैती की वारदात में गिबी महत्वपूर्ण सुराग खोजने में मददगार होगी। बताया कि गिबी उम्दा ट्रैकर है। आदेशों को ठीक से पालन करना उसका स्वभाव है। अच्छे स्वभाव की वजह से अधिक भरोसे मंद भी है। बताया कि डॉग स्क्वॉड के के रखरखाव, भोजन-पानी और अन्य सुविधाओं पर प्रतिदिन 425 रुपये खर्च है। शाम के खाने में बकरे का पका मीट व सुबह दूध व अंडा जिबी का पसंदीदा भोजन है।