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क्रोमियमयुक्त पानी पीने को मजबूर खानचंदपुर वासी

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : सरवनखेड़ा ब्लाक के खानचंदपुर में धरती से क्रोमियमयुक्त पानी

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Aug 2017 03:00 AM (IST)Updated: Mon, 07 Aug 2017 03:00 AM (IST)
क्रोमियमयुक्त पानी पीने को मजबूर खानचंदपुर वासी
क्रोमियमयुक्त पानी पीने को मजबूर खानचंदपुर वासी

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : सरवनखेड़ा ब्लाक के खानचंदपुर में धरती से क्रोमियमयुक्त पानी निकलने पर पाइप पेयजल योजना बंद कर दी गई थी। आठ सौ मीटर गहरी बो¨रग कर नया नलकूप लगाया गया लेकिन क्षतिग्रस्त पाइप लाइन बदलने का इस्टीमेट शासन की मंजूरी में फंसा है। इससे नया नलकूप शुरू नहीं हो पाया। इसके चलते खानचंदपुरवासी हैंडपंप का प्रदूषित पीने को मजबूर हैं।

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खानचंदपुर में वर्ष 2012 में 69.15 लाख रुपये की लागत से पाइप पेयजल योजना शुरू की गई। 100 किलोलीटर की पानी टंकी से करीब पांच किमी. लंबाई वाली पाइप लाइन से 1080 लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराना शुरू हुआ था। पाइप पेयजल योजना में पीला पानी आने की शिकायत पर जांच कराई गई तो क्रोमियम पाया गया। इस पर वर्ष 2015 में टंकी से जलापूर्ति बंद कर दी गई। जांच के दौरान यह पाया गया कि भूजल का दूसरा स्टेटा (परत) तक दूषित हो गया है। ऐसे में जल निगम ने अति गहरी बो¨रग के नलकूप का इस्टीमेट भेजा, जिसे शासन से मंजूरी मिल गई। एक वर्ष पूर्व लगभग आठ सौ मीटर गहराई का नलकूप तैयार कर लिया गया। गांव की क्षतिग्रस्त पाइप लाइन बदलने को करीब 20 लाख का इस्टीमेट शासन की मंजूरी के इंतजार में फंसा है। ऐसे में नये नलकूप से खानचंदपुर में जलापूर्ति नहीं पा रही है। हैंडपंपों से पीला क्रोमियम युक्त पानी निकल रहा है। परिणाम स्वरूप लोग हैंडपंप से निकलने वाला दूषित पानी पी रहे हैं।

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खानचंदपुर में शुद्ध पेयजल आपूर्ति में क्षतिग्रस्त पाइप लाइन का अवरोध है। शासन से मंजूरी मिलने पर पाइप बदलवाना संभव है। नये नलकूप की गहरी बो¨रग के पानी की जांच में क्रोमियम नहीं पाया गया है। बो¨रग के दौरान स्टेटा लॉ¨कग कराई गई है, ताकि गहरी बो¨रग के पानी को प्रदूषित होने से बचाया जा सके। - एससी निरंजन, सहायक अभियंता, जल निगम कानपुर देहात

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औद्योगिक कचरा जहरीला कर रहा भूजल

कानपुर देहात : खानचंदपुर के नजदीक रनियां फैक्ट्री एरिया है। यहां लगी फैक्ट्रियों के औद्योगिक प्रदूषकों से भूजल प्रदूषण की समस्या बढ़ती जा रही है। फैक्ट्रियों से निकलने जहरीले रसायनों के कारण भूजल प्रदूषित होकर पीने योग्य नहीं बचता है। फैक्ट्रियों का क्रोमियम, पारा, लोहा, सीसा, जस्ता, आर्सेनिक आदि पानी में घुलकर पानी को प्रदूषित कर रहा है।

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क्रोमियम युक्त पानी के नुकसान

जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि क्रोमियम युक्त पानी से खेत की उर्वरा शक्ति क्षीण हो जाती है जिससे फसलें बर्बाद हो जाती हैं वहीं जहरीले पानी का असर से चर्म रोग, मुंह और शरीर के कई भागों में चकत्ते उभर आते हैं। क्रोमियम युक्त पानी पीने से पेट संबंधी रोग के साथ लीवर में दिक्कत की शिकायत रहती है।


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